नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में 7 मई को एक बार फिर किसान आंदोलन से जुड़े संगठनों के बड़े विरोध प्रदर्शन की तैयारी है। माना जा रहा है कि इसमें पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान बड़ी संख्या में शामिल होंगे। इसके लिए सर्वखाप मुख्यालय पर आयोजित खाप चौधरियों की बैठक में ऐलान हो चुका है कि 7 मई को सभी खाप जंतर मंतर जाएंगी।
G-20 की चल रही तैयारियों के बीच 7 मई को दिल्ली कूच के ऐलान पर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट मोड पर हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया, दिल्ली में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति न बिगड़े इसके लिए पुलिस मुख्यालय में सीनियर पुलिस अफसरों के बीच कई बैठकों का दौर चल रहा है। पिछली बार किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली बॉर्डर पर उग्र प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स के पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं। पुलिस को आशंका है कि आंदोलन की आड़ में असामाजिक तत्व बवाल कर सकते हैं। इस पर नजर रखने और शरारती तत्वों से सख्ती से निपटने के आदेश है।
दिल्ली पुलिस लगाए धारा-144 लगे साइन बोर्ड!
एक पुलिस अफसर ने बताया कि जंतर मंतर पर इतनी बड़ी संख्या में प्रदर्शन की इजाजत नहीं मिलेगी। पुलिस अफसर ने उम्मीद जताई कि माहौल शांतिपूर्वक रहेगा। हालांकि उस दिन की परिस्थितियों पर पुलिस का एक्शन निर्भर रहेगा। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली को जोड़ने वाले सभी बॉर्डर पर दिल्ली पुलिसकर्मियों के अलावा सीआरपीएफ और आरएएफ के जवान मुस्तैद रहेंगे। दिल्ली पुलिस सभी बॉर्डर पर सख्ती से निगरानी रखेगी। प्रतिबंधित जगहों पर पुलिस की तरफ से बोर्ड बनाकर भी लगाया जाएगा, जिस पर लिखा होगा कि यहां धारा-144 लागू है। प्रोपर चेकिंग के बाद ही गाड़ियों को आने दिया जाएगा। पुलिस अफसर का कहना है कि 7 मई को लेकर फाइनल रूपरेखा शनिवार को तय की जाएगी।
इन मार्गों पर जानें से बचें
पुलिस को अंदेशा है कि पहलवानों को समर्थन देने इकठ्ठा हो रहे आंदोलनकारियों की वजह से दिल्ली–चंडीगढ़ राजमार्ग (जीटीके रोड) प्रभावित रह सकता है। जरूरत पड़ी तो रूट डायवर्ट किया जा सकता है।
गाजीपुर बॉर्डर यूपी और दिल्ली को जोड़ता है। यहां गाजियाबाद के अलावा एनएच-9, दिल्ली मेरठ हाईवे को जोड़ता है। रोजाना लाखों लोग दिल्ली आना–जाना करते हैं। यह रूट भी प्रभावित हो सकता है।
सिंघु बॉर्डर दिल्ली हरियाणा को जोड़ता है। पिछली बार किसान आंदोलन की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित रहने वाले रूट्स में सिंघु बॉर्डर चर्चित रहा। आंदोलन की वजह से मुख्य मार्ग बंद होने के कारण गांव देहात की गलियां आवाजाही का प्रमुख जरिया थीं।
टिकरी बॉर्डर भी दिल्ली और हरियाणा को जोड़ता है। इस रूट से जंतर मंतर पर पहुंचने वालों की बड़ी संख्या को अंदेशा है। विरोध में दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर आम लोगों को आवाजाही से परेशानी हो सकती है।
दिल्ली–गुरुग्राम को जोड़ने वाले रजोकरी बॉर्डर पर भी इसका असर पड़ने की संभावना है। हरियाणा से खाप पंचायतों के प्रतिनिधि भी गुरुग्राम बॉर्डर के रास्ते दिल्ली पहुंच सकते हैं।