नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर को जमकर लताड़ लगाई है. कोर्ट ने पूछा है कि जब आप अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट को ब्लॉक कर सकते हैं, तो फिर हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक कंटेंट पोस्ट करने वाले अकाउंट पर बैन क्यों नहीं लगाते. कोर्ट ने कहा कि आपका रवैया बताता है कि ट्विटर ऐसे संवेदनशील मसलों के प्रति कितना गंभीर है.
दिल्ली हाईकोर्ट के जज विपिन सांघी और जस्टिस नवीन चावला की बेंच मां काली पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस दौरान कोर्ट ने ट्विटर से पूछा कि आपने ये टिप्पणी करने वाले अकाउंट के खिलाफ क्या कार्रवाई की है.
इसपर ट्विटर की ओर से पेश सीनियर वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि ट्विटर ने आपत्तिजनक कंटेंट हटा दिया है, साथ ही मामले में FIR भी दर्ज की है. इसके बाद हाईकोर्ट कोर्ट ने कहा कि ट्विटर इस तरह के अकाउंट को ब्लॉक क्यों नहीं करता.
बेंच ने ट्विटर को निर्देश दिया कि वो किसी यूजर का खाता स्थायी तौर पर निलंबित करने से जुड़ी अपनी नीति की व्याख्या करते हुए जवाब दाखिल करे. इसके अलावा कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी इस संबंध में जवाब देने का निर्देश दिया है.
बेंच ने सरकार से पूछा कि क्या आईटी एक्ट के तहत इस तरह के अकाउंट्स पर कार्रवाई करने की जरूरत है? ये पोस्ट एथिस्ट रिपब्लिक नाम के ट्विटर अकाउंट से की गई है.
आपके बता दें कि आदित्य सिंह देसवाल ने पिछले साल दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी. अक्टूबर 2021 में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ट्विटर को आपत्तिजनक कंटेंट हटाने के निर्देश दिए थे.
कोर्ट ने कहा कि इस तरह की पोस्ट लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकती है.