चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने प्राइवेट स्कूल में पढ़ने का सपना देखने वाले गरीब बच्चों को बड़ा झटका दिया है. सीएम मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने 1 अप्रैल से शुरू हो रहे एकेडमिक सेशन से पहले मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों पर लगाया गया नियम 134 एक हटा लिया है.
नये नियम आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग यानि ईडब्ल्यूएस के छात्रों के लिए फायदेमंद था. इसके तहत प्राइवेट स्कूलों में 10 पर्सेंट सीटों पर इस वर्ग से ताल्लुक़ रखने वाले बच्चों को एडमिशन मिलता था. इस संबंध में हरियाणा सरकार की ओर से 28 मार्च को अधिसूचना जारी की गई थी. अब ये नियम सिर्फ नर्सरी और कक्षा 1 क्लास के बच्चों के लिए ही लागू होगा.
हरियाणा सरकार के नियम 134ए को हटाने के निर्णय से जहां निजी स्कूलों को राहत मिली है. वहीं ईडब्ल्यूएस छात्रों के लिए ये आदेश एक बड़ा झटका है. अब गरीब छात्रों का प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने का सपना अधूरा रह जाएगा.
हालांकि इस नियम के लागू रहते भी कहा जा रहा था कि प्राइवेट स्कूल 134-ए के तहत एडमिशन पाने वाले छात्रों को अच्छा रिस्पॉन्स नहीं देते थे. हरियाणा के स्कूली शिक्षा विभाग के एडिशनल चीन सेक्रेटरी आनंद मोहन शरण की ओर से जारी अधिसूचना में साफ़ साफ़ ये कह दिया गया है कि 'हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम 2003 में, नियम 134A को हटा दिया गया है.’
नियम 134A के मुताबिक़, निजी स्कूल योग्य छात्रों से सरकारी स्कूलों में ली जाने वाली फीस के बराबर फीस ले सकते थे. हालांकि राइट टू एजुकेशन कानून की धारा 12(1)(सी) अभी भी लागू है.
इसके तहत निजी स्कूलों में ईडब्ल्यूएस छात्रों के लिए 25% सीटों का आरक्षण अनिवार्य है. लेकिन ये आरक्षण केवल आठवीं कक्षा तक लागू होता है. हरियाणा स्कूल शिक्षा नियमों के नियम 134 ए के तहत ईडब्ल्यूएस कोटा बारहवीं कक्षा तक बढ़ा दिया गया था.
आपको बता दें कि नियम 134-ए के तहत प्राइवेट स्कूलों में गरीब छात्रों को दाख़िला देने के लिए 10 पर्सेंट कोटा तय किया गया था। इसके तहत छात्र प्राइवेट स्कूल में एडमिशन ले सकते थे और 12वीं तक की पढ़ाई पूरी कर सकते थे. लेकिन अब इसे खत्म कर दिया गया है.