सांकेतिक तस्वीर |
भारत में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर बवाल जारी है. महाराष्ट्र से लेकर यूपी समेत कई राज्यों में इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है. महाराष्ट्र में MNS प्रमुख राज ठाकरे ने इस विवाद को हवा दी तो प्रदेश की उद्धव ठाकरे सरकार ने लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए पुलिस की इजाजत जरुरी कर दी. इन सब बवाल के बीच लाउडस्पीकर से ध्वनि प्रदूषण होता है और इसे लेकर कई प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने चिंता जाहिर की है. बता दे कि इससे संबंधित पहले से भी कई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. भारत में मौजूदा वक्त में लाउडस्पीकर विवाद तूल पकड़ चूका है, महाराष्ट्र, यूपी के कासगंज और अलीगढ़ समेत कई और शहरों में धार्मिक स्थलों पर इसे लेकर विवाद खड़ा किया जा रहा है. हालांकि भारत अकेले नहीं है जहां लाउडस्पीकर को लेकर विवाद हो रहा है और इस पर पाबंदी की मांग की जा रही है. दुनिया के कई दूसरे देशों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर दिशा-निर्देश दिये गए हैं. जर्मनी, नीदरलैंड, फ्रांस, ब्रिटेन, बेल्जियम समेत कई और देशों में धार्मिक स्थानों पर लाउडस्पीकर बजाने को लेकर सीमाएं तय की गई हैं. वही नाइजीरिया के कुछ शहरों में मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है.
इंडोनेशिया जैसे देश में जहां मुस्लिम आबादी की तादाद अधिक है वहां भी धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर जैसे यंत्रों का अधिक इस्तेमाल से पर्यावरण को खतरा माना गया. इसके उपयोग को लेकर कई दिशा निर्देश जारी किए गए. आपको बता दे कि अमेरिका में भी धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर को लेकर विवाद रहा है. साल 2004 में अमेरिका के मिशिगन के हैमट्रैक में एक मस्जिद की ओर से अजान को प्रसारित करने के लिए लाउडस्पीकर की इजाजत मांगी थी. जिसके बाद कई गैर मुस्लिम निवासियों ने शिकायत की. लोगों का कहना था कि वो पहले से ही चर्च में जोर से घंटी बजाने को लेकर परेशान हैं. इसके बाद स्थानीय प्रशासन शहर में सभी धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर से शोर को लेकर नियम बनाए.