चंडीगढ़ : हरियाणा में गर्मी की शुरुआत में ही बिजली संकट गहरा गया है. तीन बिजली संयंत्रों में खराबी आने और अडानी से बिजली सप्लाई नहीं मिलने के कारण आपूर्ति गड़बड़ा गई है. शहरों में तीन से चार घंटे और गांवों में 8 से 10 घंटों तक के कट लगाए जा रहे हैं.
इस समय मांग 7623 मेगावाट तक पहुंच गई है जबकि आपूर्ति 6 हजार मेगावाट ही हो पा रही है. फिलहाल केंद्रीय पुल से 12 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीद कर काम चलाया जा रहा है. अगर जल्द तीनों संयंत्र ठीक नहीं हुए तो राज्य में बिजली संकट और बढ़ सकता है.
बिजली संयंत्रों की बात करें तो हिसार स्थित खेदड़ की यूनिट नंबर 1 (600 मेगावाट) और पानीपत की यूनिट नंबर 8 (210 मेगावाट) बंद चल रही है. वहीं, अडानी से 1421 मेगावाट बिजली नहीं मिल पा रही है. अडानी से बिजली आपूर्ति शुरू कराने को लेकर उच्चस्तरीय बैठकों का दौर जारी है. बिजली मंत्री रणजीत चौटाला और विभाग एसीएस पीके दास लगातार संयंत्र अधिकारियों से संपर्क साधे हुए हैं.
दरअसल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले के रेट बढ़ने के चलते अडानी कंपनी हरियाणा को बिजली आपूर्ति नहीं कर रही है. कंपनी ने हरियाणा से 2035 तक 2.53 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से करार किया हुआ है लेकिन पिछले साल से ही आपूर्ति नहीं हो पा रही है. कंपनी इसी रेट पर बिजली देने को तैयार है लेकिन वो कोयले के बढ़े रेटों के लिए अलग से राशि चाहती है. इसी को लेकर पेंच फंसा हुआ है.
बिजली निगम के मुताबिक, सबसे ज़्यादा बिजली शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं को दी जा रही है. इसके बाद ग्रामीण और उद्योगों का नंबर आता है. सबसे कम बिजली खेतों के लिए दी जा रही है. हालांकि, इस समय गेहूं का सीजन होने के चलते आग की घटनाओं से बचने के लिए सप्लाई कम की जाती है.
आपको बता दें कि प्रदेश में कुल बिजली उपभोक्ता 72.63 लाख हैं. इनमें कृषि कनेक्शन 6 लाख 57 हजार हैं. जबकि औद्योगिक क्षेत्र के 1 लाख 16 हजार हैं. इसके अलावा, सबसे अधिक 50 लाख उपभोक्ता घरेलू कैटेगरी के हैं.
द भारत खबर