नई दिल्ली: देश की राजधानी समेत उत्तर भारत में भीषण गर्मी का दौरा जारी है. दिल्ली में तो गर्मी के चलते बिजली की माँग बढ़ने लगी है. राजधानी दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग सोमवार को बढ़कर 6,194 मेगावाट हो गई, जो मई के पहले सप्ताह में अब तक का सर्वाधिक है.
यह जानकारी अधिकारियों ने दी. बिजली की मांग अप्रैल में पहली बार 6,000 मेगावाट से अधिक हुई थी. अधिकतम तापमान में वृद्धि के बीच अप्रैल के अंतिम सप्ताह में यह कई दिन 6,000 मेगावाट से अधिक थी.
स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर, दिल्ली के रीयलटाइम डेटा से पता चलता है कि सोमवार को अपराह्न 3.34 बजे दिल्ली की अधिकतम मांग 6,194 मेगावाट थी. एक दिन पहले यह 6,048 मेगावाट थी.
डिस्कॉम अधिकारियों ने कहा, ‘‘दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 6194 मेगावाट हो गई, जो मई के पहले सप्ताह में अब तक का सर्वाधिक है. इससे पहले मई के पहले सप्ताह में पिछली अधिकतम मांग 2 मई, 2019 को 5,808 मेगावाट दर्ज की गई थी.''
दिल्ली सरकार ने ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले की कमी का दावा करते हुए आपूर्ति बाधित होने की आशंका जताई है. केंद्र ने आश्वासन दिया है कि दिल्ली में डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनियों) को उनकी जरूरत के मुताबिक बिजली मुहैया कराई जाएगी.
गर्मी और बिजली की अधिक मांग को देखते हुए, दिल्ली विद्युत नियामक आयोग ने पिछले सप्ताह राजधानी में डिस्कॉम को उपलब्ध बिजली की बिना कोई समय गंवाये खरीद में सक्षम बनाने के लिए अल्पकालिक बिजली खरीद से संबंधित कई प्रावधानों में ढील दी.
दिल्ली में तीन डिस्कॉम - टीपीडीडीएल, बीआरपीएल (बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड) और बीवाईपीएल (बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड)- ने इस गर्मी में आपूर्ति के अपने क्षेत्रों में बिजली की मांग में पर्याप्त वृद्धि का अनुमान जताया है.
पिछले साल, टीपीडीडीएल की अधिकतम मांग 2,106 मेगावाट थी, जो इस गर्मी में 2,350 मेगावाट तक जाने का अनुमान है. केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने कहा कि दिल्ली के लिए कुल 6,892 मेगावाट क्षमता उपलब्ध है और राजधानी को आपूर्ति में कोई कमी नहीं है.