नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में सीवेज ओवरफ़्लो की समस्या से निजात पाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. दिल्ली जल बोर्ड की ओर से राजधानी के अलग अलग इलाकों में सीवर के पानी को पंप कर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाने के लिए कुल 116 सीवेज पंपिंग स्टेशन है. खास बात यह है कि इन सीवेज पंपिंग स्टेशनों की निगरानी अब आईओटी मॉनिटरिंग डिवाइस के जरिये की जाएगी. इस इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में लगा सेंसर यह सुनिश्चित करेगा कि सीवेज पपिंग स्टेशन में सीवर का गंदा पानी एक तय लेवल तक भरते ही वरिष्ठ अधिकारियों को अलर्ट चला जाए, जिससे की सीवेज पंपिंग स्टेशन पर मौजूद ऑपरेटर की जिम्मेदारी और जवाबदेही दोनों तय की जा सके.
जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि एसपीएस के समय पर चालू न हो पाने की वजह से पहले जगह-जगह सीवर ओवेरफ्लो की समस्या पैदा हो रही थी, जिसके कारण सीवर का पानी सड़कों, कॉलोनियों व आसपास के इलाकों में बहना शुरू हो जाता था. ऐसे में जनता को इस समस्या से छुटकारा दिलवाने के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने सभी 116 एसपीएस पर ऑटोमैटिक एसपीएस मॉनिटरिंग डिवाइस लगाए गए हैं, ताकि सीवेज के फ्लो को समान्य दबाव और उचित नियंत्रण के साथ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाया जा सके. इससे दिल्ली के लोगों को सीवर ओवर फ्लो की समस्या से राहत मिलेगी..
सीवेज पंपिंग स्टेशन काम कैसे करता है:
दिल्ली में सीवर लाइनें इस तरह से बिछाई जाती हैं ताकि सीवेज ग्रेविटी के सहारे एक जगह से दूसरी जगह तक जा सके. हालांकि, यह तरीका हर जगह कारगर साबित नहीं होता है. ऐसी जगहों पर जहां सीवेज को एक निचले स्थान से लिफ्ट करके ऊंचे स्थान पर ले जाना होता है, वहां सीवेज पंपिंग सिस्टम का इस्तेमाल सीवेज को ऊपर की ओर सीवर लाइन में धकेलने के लिए किया जाता है. सीवेज पंपिंग स्टेशन में एक कुआं होता है, जो लगातार आ रहे सीवेज को इकट्ठा करता है. इसके भरने से ठीक पहले एक बड़े मोटर के जरिये इसे आगे सीवेट ट्रीटमेंट प्लांट की ओर पंप कर कर दिया जाता है.
अब तक इस सीवेज पंपिंग स्टेशन को मैनुअली ही ऑपरेट किया जाता था. ऐसे में कई बार वक्त पर पंप के चालू न होने के कारण शहर में सीवर ओवरफ्लो की समस्या आती थी. लेकिन अब नए सेंसर के लगाए जाने से किसी भी तरह के 'ह्यूमन एरर' की गुंजाइश खत्म हो गई है. साथ ही लगातार ऑटोमैटिक डाटा कलेक्ट होने के कारण अब पंपिंग स्टेशनों पर सीवर के पानी भर जाने के बाद पंप चलाने का सही समय और पैटर्न भी पता चल जाएगा.
2025 तक यमुना को साफ करना दिल्ली सरकार का लक्ष्य:
जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि पानी और सीवर के इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करना सरकार का काम है. लोग टैक्स देते हैं, इस कारण इंफ्रास्ट्रक्चर पर उनका हक है. दिल्ली सरकार ने यमुना नदी को अगले तीन साल में पूरा साफ करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए दिल्ली सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है. इसके तहत दिल्ली के 100 फीसदी घरों को भी सीवर लाइन से जोड़ने का प्लान है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फरवरी 2025 तक यमुना को साफ करने की जिम्मेदारी जल बोर्ड को दी है, जिस तरह पिछले कार्यकाल में दिल्ली सरकार ने स्कूलों और अस्पतालों का कायाकल्प किया, वैसे ही इस बार यमुना को भी प्राथमिकता के आधार पर साफ करना ही मुख्य लक्ष्य है.