चंडीगढ़: लाहन से बनाई जाने वाली अवैध शराब को रोकने के लिए आबकारी टीमों ने मंगलवार तड़के सुबह लुधियाना जिले के बेट इलाके में छापेमारी करके 2.80 लाख रुपये की क़ीमत का लाहन और 100 लीटर अवैध शराब बरामद की और इसको मौके पर ही नष्ट कर दिया गया.
इस संबंधी जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि आबकारी और कर मंत्री हरपाल सिंह चीमा के निर्देशों पर अमल करते हुए पंजाब के आबकारी कमिश्नर वरुण रूज़म ने मंगलवार सुबह 5.30 बजे बेट क्षेत्र में व्यापक छापेमारी करने के लिए चार टीमें गठित की थीं.
उन्होंने बताया कि लुधियाना रेंज के सहायक कमिश्नर (आबकारी) डॉ. शिवानी गुप्ता द्वारा डिप्टी कमिश्नर (आबकारी) पटियाला ज़ोन शालिन वालिया के नेतृत्व में लाहन से अवैध शराब बनाने संबंधी छापेमारी के लिए इन चार टीमों का गठन किया गया था.
प्रवक्ता ने आगे बताया कि सतलुज नदी के किनारे के इलाकों /गाँवों जैसे कि तलवानी नाबाद, बड़ून्दी नज़दीक गोरसिया, भोलेवाल जद्दीद, राजापुर, खेड़ा बेट, मजारा कलाँ, हाकम राय बेट, शेरेवाल, बागियां और पिंड बहादर में छापेमारी की गई. उन्होंने बताया कि करीब 40 किलोमीटर के क्षेत्र में अवैध शराब बनाने की प्रक्रिया को रोकने के लिए यह मुहिम चलाई गई थी.
60 सदस्यों की टीम ने की छापेमारी
लुधियाना के आबकारी अफसरों के नेतृत्व में एक्साईज इंस्पेक्टरों और आबकारी पुलिस स्टाफ की सर्च टीमों के करीब 60 सदस्यों ने व्यापक छापेमारी की. इस अभियान दौरान एक हैरान करने वाला तथ्य यह भी सामने आया कि इस लाहन से अवैध शराब बनाने के लिए लुधियाना की विभिन्न औद्योगिक इकाईयों के सिवरेज का पानी इस्तेमाल किया जाता था.
टीम को देखकर शराब बनाने वाले व्यक्ति 30 चालू भट्टियाँ, 6 क्विंटल लकड़ी, 15 लोहे के ड्रम, दो एलुमिनियम के बर्तन, 9 प्लास्टिक की पाईपें और गुड़ की 12 बोरियाँ छोड़कर भाग गए. प्रवक्ता ने बताया कि इस अभियान दौरान ज़िला जालंधर से आबकारी स्टाफ को भी नदी के दूसरे छोर पर बुलाया गया था ताकि इस अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा सके.
उन्होंने आगे बताया कि यह अभियान मंड क्षेत्रों और पंजाब की नदियों के किनारों के साथ लगते क्षेत्रों में लाहन से अवैध शराब बनाने वाले लोगों को काबू करने में सहायक होगा. ज़िक्रयोग्य है कि शराब बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा पानी औद्योगिक इकाईयों के रासायनिक अवशेष और ज़हरीले पदार्थों से परिपूर्ण होता है. इसलिए कोई भी इस अवैध शराब से पीने वाले लोगों को होने वाले खतरे की कल्पना कर सकता है.
नदी के किनारों /सरहदी क्षेत्रों में लाहन से बनाई जाने वाली अवैध शराब एक बड़ी चुनौती बन गई है, जिससे प्रदेश में शराब की बिक्री पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है और राज्य के खजाने को भी भारी नुक्सान हो रहा है.
इसके अलावा इससे दुर्घटनाएं होने का ख़तरा भी होता है. राज्य में हर तरह की ग़ैर-कानूनी गतिविधियों को ख़त्म करने के दृढ़ संकल्प और राज्य के राजस्व को बढ़ावा देने के लिए आबकारी और कर विभाग द्वारा इस कोताही के विरुद्ध व्यापक अभियान चलाया गया है.