चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ ने पार्टी को अलविदा कह दिया है. कांग्रेस पार्टी और सुनील जाखड़ के बीच पंजाब विधानसभा चुनाव के वक़्त से ही मनमुटाव चल रहा था. शनिवार को पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने फेसबुक लाइव करके पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया. उन्होंने गुड बाय कांग्रेस कहा और नसीहत दी कि इस तरीके से चिंतन शिविर लगाने से कुछ नहीं होगा. उन्होंने अपना दर्द जाहिर करते हुए कहा कि नोटिस उन लोगों को जारी करना चाहिए था जिन्होंने कांग्रेस का नुकसान किया है.
सुनील जाखड़ ने कहा कि कांग्रेस का चिंतन शिविर सिर्फ औपचारिकता था. कांग्रेस को चिंता शिविर की जरूरत है. जाखड़ ने यूपी चुनाव का ज़िक्र करते हुए कहा कि यूपी चुनाव में 390 सीटों पर कांग्रेस पार्टी को दो हजार वोट मिले. गोवा-उत्तराखंड में सरकार के खिलाफ विरोध के बाद भी कांग्रेस जीत नहीं पाई. मैं मानता हूं कि कांग्रेस को इस पर सोचने की जरूरत है. इन खामियों के लिए मैं सिर्फ हाईकमान को जिम्मेदारी नहीं ठहरा रहा, इसमें और की भी कमियां रही हैं.उन्होंने लाइव के दौरान राहुल की जमकर तारीफ की. उन्होंने राहुल गांधी को चापलूसों से सावधान रहते हुए पार्टी की कमान अपने हाथों में लेने की नसीहत दी. इसके अलावा जाखड़ ने पंजाब प्रभारी रहे हरीश रावत पर निशाना साथा. जाखड़ अंबिका सोनी के "पंजाब का सीएम हिंदू होना चाहिए" वाले बयान पर भी जमकर बरसे.
इधर, कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने सुनील जाखड़ का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को सुनील जाखड़ को नहीं छोड़ना चाहिए. वो कांग्रेस पार्टी की एक संपत्ति है. किसी भी मतभेद को मेज पर हल किया जा सकता है.
आपको बता दें कि 26 अप्रैल को AICC के अनुशासनात्मक पैनल ने सुनील जाखड़ को 2 सालों के लिए पार्टी से सस्पेंड कर दिया था. उन्होंने पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी की आलोचना की थी और पंजाब में आम आदमी पार्टी से कांग्रेस की हार के लिए उन्हें जिम्मेदार करार दिया था.
द भारत खबर