31 साल बाद जेल से बाहर आएगा राजीव गांधी का हत्यारा एजी पेरारीवलन, सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश



दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी एजी पेरारिवलन को रिहा कर दिया है. 31 साल से अधिक पुरानी कैद को समाप्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जेल में उसके अच्छे आचरण, चिकित्सा स्थिति, शैक्षिक योग्यता को देखते हुए रिहा करने का निर्देश दे दिया. जेल में बंद पेरारिवलन की दया याचिका दिसंबर 2015 से लंबित थी. 

जस्टिस एल नागेश्वर राव और बीआर गवई की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, "जेल में उनके संतोषजनक आचरण, मेडिकल रिकॉर्ड, जेल में हासिल की गई शैक्षणिक योग्यता और दिसंबर 2015 से तमिलनाडु के राज्यपाल के समक्ष अनुच्छेद 161 के तहत दायर उनकी दया याचिका की लंबित होने के कारण शक्तियों का प्रयोग करते हुए अनुच्छेद 142 के तहत हम याचिकाकर्ता को मुक्त होने का निर्देश देते हैं."

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि बीते साल 25 जनवरी को पेरारिवलन की दया याचिका को राष्ट्रपति के पास भेजने के राज्यपाल के फैसले का कोई संवैधानिक समर्थन नहीं था. बेंच ने कहा कि, "राज्यपाल राज्य मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह से बंधे हैं." 

उन्होंने कहा कि, "मारु राम मामले (1980) में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक राष्ट्रपति को याचिका सौंपने के फैसले का कोई संवैधानिक समर्थन नहीं है, जिसमें राज्यपाल ने कहा था कि राज्यपाल को राज्य मंत्रिमंडल की मदद और सलाह का पालन करना होगा और अगर वो निर्णय के लिए सहमत नहीं है, तो राज्यपाल को मामले को पुनर्विचार के लिए राज्य को वापस भेजना होगा.''

पेरारिवलन 21 मई, 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की साजिश का हिस्सा होने के लिए एक विशेष टाडा (आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम) अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए सात लोगों में से एक है. पेरारिवलन की भूमिका बम के लिए बैटरी की आपूर्ति तक सीमित थी.

द भारत खबर

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