रोहतक : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक लघु सचिवालय और न्यायिक परिसर को शहर से बाहर शिफ्ट करने की चर्चाओं पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने कहा कि जब तक भूपेंद्र सिंह हुड्डा जिंदा है, तब तक ऐसा नहीं होने देंगे। सरकार ने अगर ऐसा कोई फैसला लिया है तो उसे तुरंत वापस ले। क्योंकि, इस वक्त इन दोनों परिसरों की लोकेशन बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से नाममात्र दूरी पर है। आम लोग बड़ी आसानी से यहां तक पहुंच सकते हैं।
हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में लोगों की सुविधा के लिए डीसी आवास, एसपी आवास, मॉडल स्कूल, तहसील, पुलिस लाइन, कैनाल रेस्ट हाउस, कंज्यूमर फोरम, डाकखाना, बैंक और इनकम टैक्स ऑफिस को आसपास बनवाया गया था। ताकि, अलग-अलग सरकारी कामों के लिए लोगों को यहां-वहां चक्कर न काटने पड़ें। नये परिसर स्थापित करने और उनका विस्तार करने पर कांग्रेस कार्यकाल के दौरान सैंकड़ों करोड़ रूपए खर्च किए गए थे। अगर मौजूदा सरकार ने लघु सचिवालय और न्यायिक परिसर को यहां से दूर शिफ्ट किया तो ना सिर्फ वकीलों, कोर्ट में काम करने वाले मुंशी और कर्मचारियों को बल्कि अलग-अलग कार्यों के लिए सरकारी दफ्तरों में आने वाले लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उन्हें एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर में जाने के लिए कई-कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ेगा।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने इस बारे में अब तक न जिले के विधायकों से बात की और न ही बार पदाधिकारियों से सलाह मशविरा किया। सरकार अगर चंद लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा निर्णय लेती है तो इससे इलाके के लोगों को भारी परेशानी होगी। उन्होंने कहा कि इन सरकारी इमारतों के निर्माण पर पहले ही सैंकड़ों करोड़ रुपये लगे हुए हैं। यदि सरकार को कुछ करना ही है तो नये उद्योग लगाये ताकि प्रदेश के युवाओं को रोज़गार मिले। हुड्डा ने कहा कि अगर सरकार जनहित में कोई फैसला लेना चाहती है तो उसे कांग्रेस सरकार की तर्ज पर सुनारियां गांव की खाली जमीन पर इंडस्ट्री स्थापित करनी चाहिए, जिससे युवाओं को रोजगार मिले और इलाके में अन्य आर्थिक गतिविधियां भी तेज हों।