दिल्ली : कुछ बीजेपी नेताओं की धार्मिक टिप्पणियों के चलते खाड़ी देशों के साथ अपने रणनीतिक रिश्तों को मज़बूत करने में जुटी मोदी सरकार की स्थिति असहज हो गई है. रविवार को कतर और कुवैत ने भारतीय राजदूतों को समन कर न सिर्फ इन टिप्पणियों पर गहरी नाराजगी जताई, बल्कि भारत सरकार से माफी की भी मांग की. भारत ने दोनों देशों को साफ तौर पर कहा है कि उक्त टिप्पणियां किसी तरह से सरकार के विचार नहीं हैं.
भारत ने कतर को भरोसा दिलाया है कि टिप्पणी करने वाले और इस पर ट्वीट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है. कतर की सरकार ने इस बारे में दोहा स्थित भारतीय राजदूत को समन कर अपनी नाराजगी प्रकट की. वैसे कतर के विदेश मंत्रालय ने बीजेपी की तरफ से पार्टी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई का स्वागत किया है. लेकिन मोदी सरकार से भी सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने और निंदा करने की मांग की है.
कुवैत सरकार ने भी भारतीय राजदूत को समन कर इस मुद्दे पर विरोध जताया है. दोहा स्थित भारतीय दूतावास ने बताया है कि कतर विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कुछ लोगों की तरफ से धार्मिक व्यक्तियों के सम्मान के खिलाफ किए गए ट्वीट का मामला उठाया.
राजदूत ने उन्हें बताया कि ये किसी तरह से भी भारत सरकार की भावना नहीं है. ऐसा हाशिये पर खड़े लोगों ने कहा है. भारत अपनी अनेकता में एकता की सांस्कृतिक विरासत के आधार पर सभी धर्मों को उच्चतम आदर देता है. इस तरह की टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जा रही है. संबंधित संगठन ने बयान जारी कर सभी धर्मों को आदर देने और किसी भी धर्म के व्यक्ति के सम्मान को चोट पहुंचाने के कदम की निंदा की है.
द भारत ख़बर