बड़ा सवाल : सुरक्षा हटते ही सिद्धू मूसेवाला की हत्या हो गई और सबने इसके लिए वहाँ की सरकार को दोषी ठहराया लेकिन कश्मीर में तमाम सुरक्षा दावों के बावजूद जो टारगेट किलिंग हो रही है उसके लिए किसको ज़िम्मेदार ठहराया जाए ? ये ऐसा सवाल है जिसका जवाब देने में गोदी मीडिया असहज सा महसूस कर रहा है.
दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में 48 घंटे के अंदर हुई दूसरे हिंदू कर्मचारी की हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों ने घाटी में सभी जगहों पर प्रदर्शन स्थगित कर दिया है. साथ ही शुक्रवार को जम्मू की ओर सामूहिक पलायन करने का फैसला लिया है. उन्होंने सभी साथियों से क़ाजीगुंड में नवयुग टनल के पास एकत्रित होने को कहा है. अब तक 1800 कश्मीरी पंडितों समेत तीन हजार से अधिक सरकारी मुलाजिम घाटी छोड़ चुके हैं.
कुलगाम में बैंक मैनेजर की हत्या के बाद से घाटी में दहशत और बढ़ गई है. एक कश्मीरी पंडित महिला कर्मचारी का एक वीडियो संदेश वायरल हो रहा है जिसमें महिला जम्मू की ओर रवाना होने की अपील करती नजर आ रही है. वो कह रही है कि अब बहुत हो गया. हम कई वर्षों से यहां रह रहे हैं लेकिन आज जो स्थिति बनी है वो पूरी तरह सरकार के नियंत्रण से बाहर है. इसलिए हम सभी कर्मचारियों ने फैसला किया है कि हम घाटी छोड़कर जा रहे हैं. अब सरकार पर निर्भर है कि वो हमें वहां नौकरियां दे या नहीं.
इस बीच बारामुला जिले की वीरवन पंडित कॉलोनी के अवतार भट ने बताया कि अब हमने प्रदर्शन स्थगित करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि आये दिन हत्याएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. कश्मीर माइनॉरिटी फोरम की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि विजय कुमार की हत्या के बाद एक विशेष बैठक में फैसला लिया गया कि कश्मीर में हो रहे प्रदर्शन को स्थगित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अब अल्पसंख्यकों के पास कोई और विकल्प नहीं रहा है, इसलिए वह शुक्रवार जम्मू की ओर पलायन करें. सभी को नवयुग टनल के पास एकत्रित होने की अपील की जाती है वहां से आगे की रणनीति तय की जाएगी.
द भारत खबर