राजस्थान में सीएम पद को लेकर बवाल, पूर्व मंत्री के घर गहलोत गुट का जमघट; सचिन पायलट मुश्किल में


 जयपुर. कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव के बीच राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर सियासी घमासान मच गया है. यहां कांग्रेस की लड़ाई कमरों से निकलकर सड़क पर आ गई है. हैरान करने वाले घटनाक्रम में एक तरफ, पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन विधायकों का इंतजार कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ, सीएम अशोक गहलोत गुट के करीब 60 विधायक पूर्व मंत्री शांति धारीवाली के घर जमा हैं. इनमें से डेढ़ दर्जन से ज्यादा मंत्री हैं. सूत्रों के मुताबिक, इन लोगों को सचिन पायलट को मुख्यमंत्री पद देना मंजूर नहीं है.

सूत्रों का कहना है कि यहां यह रणनीति बनाई जा रही है कि वह पर्यवेक्षकों के सामने आला कमान से तय नाम पर सहमत नहीं होंगे. बल्कि, जो 102 विधायक संकट के समय सरकार के साथ खड़े थे, उनमें से किसी की भी पैरवी करेंगे. लेकिन, उन्हें सचिन पायलट का नाम नहीं सुनना है. गौरतलब है कि जिस वक्त सचिन पायलट ने बगावत की थी उस वक्त 102 विधायकों ने सरकार का साथ दिया था.

गिर सकती है सरकार- लोढा
इससे पहले सीएम गहलोत के सलाहकार और निर्दलीय विधायक संयम लोढा ने भी बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि गहलोत को ही सीएम रखना चाहिए. क्योंकि, अगर उन्हें हटाया तो सरकार गिर सकती है. एक और गहलोत समर्थक मंत्री और राष्ट्रीय लोकदल के विधायक सुभाष गर्व ने सचिन पायलट पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार को गिराने की साजिश रचने वालो को सीएम बनाया तो सरकार गिर जाएगी.

गहलोत ने किए तनोट माता के दर्शन
इस बीच अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में व्यस्त हैं. सीएम अशोक गहलोत रविवार दोपहर भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर स्थित प्रसिद्ध तनोट माता के दरबार में पहुंचे. 1965 में भारत पाक युद्ध में पाकिस्तानी बमों से भारतीय सैनिकों की रक्षा करने की मान्यता को लेकर प्रसिद्ध इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि मां का आशीर्वाद बड़े से बड़े संकट को टाला जा सकता है. कांग्रेस में चल रही सियासी सरगर्मियों के बीच गहलोत की इस धार्मिक यात्रा के कई मायने निकाले जा रहे हैं.

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने

विज्ञापन

विज्ञापन