IRCTC Scam Case: राहत या चेतावनी? सुशील मोदी ने तेजस्वी यादव को दिया बड़ा चैलेंज, नीतीश पर कटाक्ष


 नई दिल्ली/पटना. आईआरसीटीसी घोटाला केस में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की जमानत बरकरार रहने के राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले के बाद जहां राजद कार्यकर्त्ताओं में खुशी का माहौल है, वहीं  तेज प्रताप यादव ने भी इस निर्णय पर सुकून की सांस ली है. तेज प्रताप ने कहा,  भगवान भी देख रहे हैं कि कौन क्या कर रहा है? भगवान की बहुत बड़ी कृपा है. विरोधी शुरू से लगे हुए हैं, लेकिन हमलोग अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं. हालांकि, भाजपा कोर्ट के इस फैसले को तेजस्वी यादव के लिए राहत नहीं बल्कि चेतावनी मान रही है. इस पर पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने तीखा तंज भी कसा है.

सुशील मोदी ने तेजस्वी यादव के जमानत रद्द नहीं होने पर सवाल पूछते हुए कहा, क्या राहत मिली? कड़ी फटकार लगाई गई है. कोर्ट ने एक प्रकार से चेतावनी दी और  उन्हें माफी भी मांगनी पड़ी.  यह तो धमकी दे रहे थे कि रिटायरमेंट के बाद भी देख लेंगे, आपके बच्चे हैं कि नहीं. कोई व्यक्ति जांच एजेंसी को इस प्रकार की धमकी दे तो यह बहुत बड़ा मामला है. अदालत ने उनकी वरीयता को देखते हुए उनकी जमानत को रद्द नहीं किया है, लेकिन डिप्टी सीएम के पद पर रहते हुए किसी व्यक्ति की तरफ से इतना ही कह देना, इससे बड़ा अपमान क्या हो सकता है?

सशील मोदी ने आगे कहा, यह तो माफी मांगना है. अगर हिम्मत है तो उन्हीं वाक्यों को फिर से दोहरा कर देखें. कोर्ट में एक डिप्टी सीएम को भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में जाना इससे बड़ा अपमान क्या हो सकता है? कोर्ट ने चेतावनी दी है, फटकार लगाई है. इससे बड़ा अपमान क्या हो सकता है कि आपको हाजिर होना पड़ा कोर्ट के अंदर. ऐसे व्यक्ति को इस्तीफा दे देना चाहिए.

सुशील मोदी ने अपने निशाने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेते हुए कहा, नीतीश कुमार कहते हैं कि मैं भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करूंगा, लेकिन एक ऐसे व्यक्ति को डिप्टी सीएम बना कर रखा है जो हजार करोड़ रूपए से ज्यादा के आईआरसीटीसी घोटाले के अंतर्गत अभियुक्त ही नहीं, बल्कि चार्जशीटेड है और बेल पर है.

सुशील मोदी ने कहा, नीतीश कुमार ने इसी आधार पर अपना गठबंधन तोड़ा था. अब कहते हैं 5 साल में कोई कार्रवाई नहीं हुई. नीतीश कुमार को ऐसे व्यक्ति को मंत्रिमंडल में शामिल ही नहीं करना चाहिए था. आईआरसीटीसी घोटाले के सारे कागजात ललन सिंह और नीतीश कुमार ने सीबीआई को उपलब्ध कराए और इन्हीं लोगों ने आरोप लगाए. इन्हीं लोगों के कारण एफआईआर दर्ज हुई और अब उन्हें बगल में बैठा कर उनके पक्ष में खड़े दिखाई दे रहे हैं.

वहीं, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने ट्वीट कर लिखा, उपमुख्यमंत्री को अब आ गया होगा समझ मे. कोर्ट में सारी हेकड़ी निकल गई. यही अदालत है, जिसने आपके पिता जी की चोरी (चारा घोटाला) में सजा सुनाई थी. यह तो आपका सौभाग्य है कि नीतीश कुमार जैसे व्यक्ति मिल गए, वरना भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी व्यक्ति को कोई उपमुख्यमंत्री नहीं बनाता.

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