दिल्ली : दिल्ली विधानसभा के 30 साल के इतिहास में ये पहली बार होगा कि दिल्ली सरकार का बजट तय तारीख पर पेश नहीं हो सकेगा. यह बजट मंगलवार यानी 21 मार्च को पेश किया जाना था. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बजट के लिए अनुमति नहीं दी है. इसके लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गृह मंत्रालय पर बजट रोकने का आरोप लगाया है. हालाँकि गृह मंत्रालय का कहना है कि बजट को लेकर कुछ जानकारी दिल्ली सरकार से मांगी गई थी जो दिल्ली सरकार की ओर से नहीं दी गई, इसलिए बजट को दिल्ली सरकार की ओर से ही रोका जा रहा है.
गृह मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि दिल्ली सरकार के बजट में विज्ञापन पर बहुत ज्यादा राशि का प्रविधान किया गया है. इसकी तुलना में आधारभूत ढांचे पर ज्यादा जोर नहीं है. दिल्ली सरकार से इसका कारण पूछा गया था, लेकिन जवाब नहीं मिला. इस कारण तकनीकी आधार पर बजट पेश करने की अनुमति नहीं मिल पाई. जैसे ही दिल्ली सरकार की ओर से विज्ञापन पर अधिक खर्च का स्पष्टीकरण आ जाएगा. बजट को मंजूरी दे दी जाएगी.
बजट को लेकर एलजी दफ्तर ने कहा है कि गत नौ मार्च को कुछ टिप्पणियों के साथ एन्युअल फाइनेंसिशल स्टेटमेंट 2023-2024 को मंजूरी देकर फाइल मुख्यमंत्री के पास भेज दी थी.
इसके बाद दिल्ली सरकार ने बजट के लिए गृह मंत्रालय को एक पत्र भेजकर राष्ट्रपति की मंजूरी मांगी थी जो कानूनन रूप से ज़रूरी है. फाइल भेजी गई तो गृह मंत्रालय ने मंजूरी के संबंध में बीती 17 मार्च को दिल्ली की केजरीवाल सरकार को अपनी कुछ टिप्पणियों से अवगत कराया गया. लेकिन सीएम की ओर से एलजी ऑफिस को बजट पर मांगी गई टिप्पणियां नहीं दी गईं.
गृहमंत्रालय के सूत्रों ने बजट नहीं पेश हो पाने के लिए जहां दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया वहीं, वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि दिल्ली सरकार से ज़ुड़े सूत्रों ने कहा कि गृह मंत्रालय झूठ बोल रहा है. आगामी वित्त वर्ष के लिए 78800 का कुल बजट है. उसमें ढांचागत विकास के लिए पूंजीगत व्यय के रूप में 22,000 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं. वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है कि भारत के इतिहास में पहली बार है कि गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को 2023-24 के लिए अपना वार्षिक बजट निर्धारित तिथि 21 मार्च को पेश करने से रोक दिया है. उन्होंने कहा कि अब पता चला है कि गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के बजट पर कुछ चिंता जताई थी और गत 17 मार्च को मुख्य सचिव को भेजे पत्र के जरिए इसे मंजूरी देने से इंकार कर दिया था।वित्त मंत्री गहलोत ने आरोप लगाया कि रहस्यमय कारणों से दिल्ली के मुख्य सचिव ने पत्र को तीन दिन तक छिपा कर रखा. उन्होंने कहा कि मुझे पत्र के बारे में आज यानी 20 मार्च 2023 को दोपहर 2 बजे ही पता चला. गृह मंत्रालय के पत्र वाली फाइल मेरे पास आधिकारिक तौर पर आज शाम छह बजे यानी दिल्ली विधानसभा में बजट पेश होने के ठीक एक दिन पहले पेश की गई. इसके बाद हमने गृह मंत्रालय की चिंताओं का जवाब दिया है और सीएम की मंजूरी के बाद आज रात 9 बजे दिल्ली के एलजी को फाइल वापस सौंप दी है. दिल्ली के बजट में देरी करने में दिल्ली के मुख्य सचिव और वित्त सचिव की भूमिका की जांच होनी चाहिए.
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