सीहोर : प्रधामनंत्री आवास योजना केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके माध्यम से गरीब जनता को पक्का आवास उपलब्ध करवाना था. गरीबों के हित में बनाई गई इस योजना के क्रियान्वयन में निचले स्तर के अधिकारी और कर्मचारियों की वजह से योजना धरातल पर दम तोड़ती नजर आ रही है. यूं तो शासकीय अधिकारी इस योजना को लेकर बड़े बड़े दावे करते नजर आ रहे हैं, पर वास्तव में इस योजना ने कई गरीबों को आधे अधुरे मकानों में रहने को मजबूर कर दिया है.
सीहोर में इस योजना के अंतर्गत अभी तक 3175 आवास हितग्राहियों को आवंटित किए गए है. कुल मंज़ूर किए गए आवास 5741 है, जिनमें से 4623 को आवास योजना के अंतर्गत प्रथम क़िस्त का भूगतान किया गया है. इसी प्रकार 4025 को द्वितीय किस्त व 3064 को तीसरी क़िस्त का भुगतान किया गया है. धरातल पर देखने को मिला है कि जिन हितग्राहियों को प्रथम क़िस्त का भुगतान किया गया था, उन हितग्राहियों में अपने कच्चे मकान तोड़ कर प्रथम क़िस्त की राशि से कुछ निर्माण कर अब दूसरी क़िस्त की आस में नगर पालिका कार्यलय के चक्कर महीनों से लगा रहे हैं.
अब उनके पास न छत है और न ही रहने को मकान. इसी प्रकार से कई उपभोककताओं ने कई बार कई वर्षों से आवास योजना के आवेदन दे रहे हैं, पर बिना कारण उनके आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं. कई उपभोक्ता ने सीएम हेल्प लाइन पर शिकायत की तो नगर पालिकाकर्मियों ने उन उपभोक्ताओं को झूठे आश्वाशन देकर शिकायत वापस करवा दी. ऐसे में उपभोक्ता अब भी आवास योजना में अपना बारी आने का इंतजार कर रहे है.
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