चीतों की मौत से केंद्र ने चिंतित होकर चीतों की पुनर्वास परियोजना की निगरानी के लिए हाई लेवल संचालन कमेटी का किया गठन। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में दो और चीता शावकों की मौत के बाद गुरुवार को ग्लोबल टाइगर फोरम के महासचिव राजेश गोपाल की अध्यक्षता वाली समिति बनाने का निर्णय लिया गया।
चीतों की मौत पर समिति का गठन
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल
पार्क में बाहर से लाए गए चीते और उसके बच्चों की मौत चिंता का विषय बन गया है। इन
मौतों को देखते हुए, केंद्र सरकार ने एक समिति का गठन किया है। केंद्र ने
चीता पुनर्वास परियोजना की प्रगति की समीक्षा और निगरानी के लिए 11 सदस्यीय एक हाई लेवल संचालन समिति का गठन किया है।
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल
पार्क में दो और चीता शावकों की मौत की खबर आने के कुछ ही समय बाद, गुरुवार को
ग्लोबल टाइगर फोरम के महासचिव राजेश गोपाल की अध्यक्षता वाली समिति बनाने का
निर्णय लिया गया। साथ ही, ईको-टूरिज्म के लिए चीता के आवास
खोलने पर सुझाव देने के लिए कहा है।
वन्यजीव प्रबंधन पर उठे सवाल
बता दें कि कुनो नेशनल पार्क
में लगभग दो महीने में तीन वयस्क चीते और नामीबिया की मादा चीता, सिसाया से
पैदा हुए चार शावकों में से तीन की मौत हो गई है, जिसके कारण
कई विशेषज्ञों ने आवास और वन्यजीव प्रबंधन पर सवाल उठाए हैं।
चीता पुनर्वास परियोजना पर मांगे गए सुझाव
केंद्र द्वारा गठन समिति को
ईको-टूरिज्म के लिए चीता के आवास खोलने और इस संबंध में नियमों पर सुझाव देगा।
जानकारी के मुताबिक, ये पैनल दो साल के लिए प्रभावी होगा और हर महीने कम
से कम एक बैठक आयोजित करेगा। समिति सामुदायिक इंटरफेस और परियोजना गतिविधियों में
उनकी भागीदारी के लिए सुझाव देगा।
क्या है चीता पुनर्वास
परियोजना?
महत्वाकांक्षी चीता पुनर्वास
परियोजना के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल 17 सितंबर को
अपने 72 वें जन्मदिन पर नामीबिया से कुनो में आठ चीतों के
पहले बैच को छोड़ा था। इसी तरह 18 फरवरी को 12 चीतों को साऊथ अफ्रीका से लाया गया और कूनो में छोड़ा गया था।