दिल्ली : राजधानी दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ आपराधिक केस चलेगा। LG साहब ने याचिका डाली थी की वो तो अब दिल्ली के LG हैं, और उनका दर्जा किसी भी गवर्नर से ऊपर है बस प्रेसिडेंट से थोड़ा नीचे है इसलिए उनके ऊपर कोई क्रिमिनल ट्रायल नहीं चलना चाहिए। अहमदाबाद की कोर्ट ने दिल्ली के एलजी की इस अर्जी को खारिज कर दिया है। जिसमें उन्होंने उप राज्यपाल होने पर मिली इम्युनिटी का जिक्र करके क्रिमिनल ट्रायल से छूट मांगी थी। अहमदाबाद की कोर्ट में एडीशनल मेट्रोपॉलिटन जज पी एन गोस्वामी ने सक्सेना की तरफ से दाखिल अर्जी को खारिज कर दिया है। सक्सेना पर आरोप है कि उन्होंने 2002 में अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर पर हमला किया था।
दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने गुजरात कोर्ट का फैसला आने के बाद उपराज्यपाल विनय सक्सेना पर एक बार निशाना साधा है. उन्होंने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली के LG ने संविधान ही पलट दिया, वो कहते हैं कि वो राज्यपाल से ऊपर और राष्ट्रपति से नीचे हैं! लेकिन Court ने उनकी अप्लीकेशन रिजेक्ट कर दी है. साथ ही ये भी कहा है कि एलजी को संविधान के तहत कोई Immunity नहीं मिली है.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इससे साफ है कि LG अफसरों को Order देकर गलत काम करवाते हैं तो उन पर मुकदमा भी हो सकता है. दिल्ली वालों को आज पता चला कि उनके LG का Past क्या रहा है? साबरमती आश्रम में गुंडों के साथ घुसकर एक महिला पर हिंसा करने के मामले में उनपर आपराधिक मुकदमा चल रहा है. अब Trial चला तो एलजी संवैधानिक पद पद की दुहाई देकर इससे बचना चाहते हैं. उन्होंने एलजी पर तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली सरकार को 3 सप्ताह की देरी होने पर वो चिट्ठी जारी कर देते हैं. 22 साल तक खुद पर गुजरात में एक आपराधिक केस का ट्रायल नहीं चलने देते हैं.
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