दिल्ली : राजधानी दिल्ली में चुनी हुई सरकार और उपराज्यपाल के बीच जारी लड़ाई अभी थमने का नाम नहीं ले रही है. दिल्ली के 'सिंहासन का असली बादशाह कौन' वाली इस जंग में अभी केंद्र सरकार के लाए गए अध्यादेश के कारण सुप्रीम कोर्ट का फैसला हाशिए पर चला गया है. वहीं अध्यादेश लाए जाने के बाद सोमवार को इस मामले में पहला आदेश जारी किया गया है.
जानकारी के मुताबिक, अध्यादेश के बाद, विशेष सचिव (विजिेलेंस) वाई वीवीजे राजशेखर के कार्यालयों को डी-सील करने का आदेश जारी किया गया है. सौरभ भारद्वाज के आदेश से जिन अधिकारियों को काम दिया गया था, उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले 10 मई तक की यथास्थिति बनाए रखने को कहा गया है. डी-सीलिंग आदेश के तुरंत बाद वाई वीवी जे राजशेखर ने उन अधिकारियों को एक और आदेश जारी किया, जिन्हें मंत्री द्वारा पेजों सहित सभी फाइलों की सूची तैयार करने का काम दिया गया था.
राजशेखर मुख्यमंत्री आवास के जीर्णोद्धार और शराब नीति समेत अन्य अहम मामलों की जांच कर रहे थे. अभी हाल ही में दिल्ली सरकार ने राज्य के सतर्कता विभाग के विशेष सचिव वाईवीवीजे राजशेखर के कार्यालय को सील कर दिया था और अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार सहित कई आरोपों की जांच शुरू कर थी. बताया गया था कि अफसर पर जबरन वसूली और भ्रष्टाचार के कई आरोप थे. राजशेखर, हाल ही में दिल्ली सरकार बनाम एलजी विवाद के केंद्र में रहे थे. इसी बीच उन्होंने उनकी ड्यूटी से वंचित कर दिया गया था और सभी फाइलों को सौंपने का आदेश दिया गया था. वहीं राजशेखर ने आरोप लगाया था कि उनकी भूमिका से हटाए जाने के तुरंत बाद कुछ फाइलों को अज्ञात लोगों द्वारा कॉपी किया गया था.
आपको बता दें कि केंद्र सरकार 19 मई को एक अध्यादेश लेकर आई थी. इस अध्यादेश ने दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार फिर से उपराज्यपाल को दे दिया है.