मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में चीते और उनके शावकों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता ज्वाला के 2 और शावकों ने दम तोड़ दिया। इससे पहले मंगलवार को एक शावक की मौत हुई थी। चीता ज्वाला ने 27 मार्च को चार शावकों को जन्म दिया था। इनमें से अब एक ही बचा है। कूनो में दो महीने में छह चीतों की मौत हो चुकी है।
पीसीसीएफ जेएस चौहान ने बताया कि कूनो नेशनल पार्क में एक शावक की मौत के बाद 3 अन्य शावकों की स्थिति भी ठीक नहीं लग रही थी, इसे ध्यान में रखते हुए कूनो वन्य प्राणी चिकित्सकों की देखरेख में तीनों शावकों को रखा गया था। अधिक तापमान होने और लू के चलते इनकी तबीयत खराब होने की बात सामने आई है। गुरुवार को इलाज के दौरान इनमें से दो की मौत हो गई है। एक की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
कूनो में अब 18 चीते ही बचे
पहली खेप में नामीबिया से 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हें बाड़े में रिलीज किया था। इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो लाए गए थे। नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने 4 शावकों को जन्म दिया था। पहले 3 चीतों और फिर एक-एक कर 3 चीता शावकों की मौत हो गई। अब कूनो में 18 चीते ही रह गए हैं।
कमजोर, कम वजन और डिहाइड्रेटेड पाए गए थे शावक
मादा चीता ज्वाला स्वस्थ है। उसकी सेहत पर लगातार नजर रखी जा रही है। कूनो प्रबंधन ने बताया कि उसके सभी शावक कमजोर, सामान्य से कम वजन और बहुत डिहाइड्रेटेड थे। ज्वाला पहली बार मां बनी है। चीता शावकों की उम्र लगभग 8 हफ्ते है। इस उम्र में वे चीजों को समझने की कोशिश करते हैं और मां के साथ लगातार चलते हैं। शावकों ने अभी लगभग 8-10 दिन पहले ही मां ज्वाला के साथ घूमना शुरू किया था।
कब-कब हुई चीतों की मौत
26 मार्च को नामीबिया से लाई गई मादा चीता साशा की मौत
23 अप्रैल को साउथ अफ्रीका से लाए गए चीता उदय की मौत
9 मई को दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता दक्षा की मौत
23 मई को नामीबिया से लाई गई ज्वाला के एक शावक की मौत
25 मई को ज्वाला के दो और शावकों की मौत
चीतों को बचाने के लिए 11 सदस्यीय कमेटी का गठन
नेशनल टाइगर अथॉरिटी ने चीतों को बचाने के लिए चीता स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी ग्लोबल टाइगर फोरम के चेयरमैन राजेश गोपाल की अगुवाई में बनाई गई है। 11 सदस्यीय कमेटी कूनो में चीतों को बचाने का एक्शन प्लान तैयार करेगी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने उठाए सवाल
कूनो में लगातार हो रही चीतों और शावकों की मौत पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने सवाल उठाए है। उन्होंने कहा कि कूनो नेशनल पार्क में अब तक 3 वयस्क चीता और 3 शावकों की मौत हो चुकी है। और फिर भी, पीड़ा का एक शब्द नहीं, न ही स्वयंभू चीता प्रेमी की ओर से कोई ठोस कार्रवाई। जयराम रमेश ने ये ट्वीट किया -