Delhi:एक साल बाद दिल्ली की तीनों लैंडफिल साइट के आसपास दूषित हो चुके भूजल की गुणवत्ता सुधरने लगेगी और लोगों को सांस लेने के लिए शुद्ध हवा मिलेगी, क्योंकि कूड़े के ये पहाड़ पूरी तरह खत्म हो जाएंगे। एलजी वीके सक्सेना की अध्यक्षता में बनी निगरानी समिति ने गाजीपुर, ओखला व भलस्वा लैंडफिल साइट को मई 2024 तक पूरी तरह सपाट करने की डैडलाईन रखी है। अगस्त 2023 तक 50 फीसदी, फरवरी 2024 तक 75फीसदी, और मई 2024 तक 100 फीसदी कूड़ा खत्म करने के लिए तीव्रता से काम चल रहा है। इससे दिल्ली वासियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
एक साल में कूड़े का पहाड़ खत्म नहीं होंगे तो इस प्रोजेक्ट से जुड़े निगम के नोडल अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई होगी। एलजी ने साफ किया है कि पांच साल से कूड़े के पहाड़ खत्म करने के लिए एमसीडी की तरफ से दी जाने वाली डैडलाईन बदल जाती है। और यह भी कहा कि कूड़े के पहाड़ों की कटाई के लिए बड़ी संख्या में बड़े आकार की ट्रॉमेल मशीनें लगाई गई हैं।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय का इसमें सहयोग मिल रहा है। दिल्ली सरकार भी इसे लेकर सक्रिय हो गई है। लैंडफिल साइटों से निकलने वाली निष्क्रिय कचरे की मिट्टी का उपयोग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा सड़कें बनाने में किया जा रहा है। मीठापुर और द्वारका साइट पर सड़कों की भराई में इसका इस्तेमाल हो रहा है। एनएचएआई कई साइटों पर पौधे लगाने के लिए व गहरी जगह को समतल करने के लिए भी इस मिट्टी का उपयोग कर रहा है।
कूड़े के पहाड़ों की जगह रमणीय स्थल
मौजूदा समय जहां तीन कूड़े के पहाड़ खड़े हैं, संभव है कि आने वाले समय में वहां हराभरा रमणीय हरित क्षेत्र लोगों को मिले। ये योजना पूरी तरह भविष्य की कोख में है, लेकिन एमसीडी ने इसके लिए डीडीए के अधिकारियों से बात की है। यदि इसके लिए डीडीए जमीन देने के लिए तैयार हो जाएगा तो ऐसा संभव होगा।
इस साल लगाए जाएंगे 80 हजार पौधे
निगम ने दिल्ली में 80 लाख पौधे और 2.5 लाख झाड़ियांं लगाने का लक्ष्य रखा है। जी-20 बैठक को ध्यान में रखते हुए सड़कों के किनारे हरित क्षेत्र बढ़ाने की जिम्मेदारी निगम की है। सर्दियों में इस बार दिल्ली की सड़कों की रौनक अनोखी देगी। इस दौरान दिल्ली के हर एक कोने में 150 पार्कों को चिन्हित कर उन्हें आकर्षक बनाया जाएगा।
जीरो वेस्ट कॉलोनी परिकल्पना हो रही सफल
एमसीडी की जीरो वेस्ट कॉलोनी परिकल्पना तेजी से आगे बढ़ रही। दिल्ली की 100 से ज्यादा कॉलोनियां अभी तक जीरो वेस्ट बनी हैं। ये अपने कचरे का 100 फीसदी निपटान स्वयं कर रही हैं। निगम इस साल इनकी संख्या बढ़ाएगा।