Delhi News:दिल्ली में सितंबर से पूरे BSES क्षेत्र में बिजली के स्मार्ट मीटर लगेंगे। BSES ने इस काम को पूरा करने का टारगेट 2024-25 तक रखा है। 2024-25 तक पूरे बीएसईएस क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगा दिए जाएंगे।स्मार्ट मीटर की खास बात यह है कि बिजली के इन मीटर को मोबाइल ऐप से जोड़ा जा सकेगा और उपभोक्ता अपनी बिजली की खपत और बिजली बिल को ऐप पर ही देख सकते हैं। इसके अलावा उपभोक्ताओं के पास प्रीपेड और पोस्ट पेड मीटर चुनने की भी सुविधा होगी। इसकी टेंडरिंग प्रकिया अंतिम चरण में है। अगले महीने तक इसके पूरा होने की उम्मीद है। इसी साल सितंबर, अक्टूबर से साउथ, वेस्ट, सेंट्रल और ईस्ट दिल्ली में स्मार्ट मीटर लगने शुरू हो जाएंगे। BSES की 50 लाख स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी है।
स्मार्ट मीटर कई काम को करेगा आसान
बीएसईएस के स्मार्ट मीटर को लोग अपने मोबाइल ऐप से कनेक्ट कर सकते हैं। इसके जरिए वह अपनी बिजली की खपत और बिल आदि को बेहतर तरीक से मैनेज कर पाएंगे। स्मार्ट मीटर से बिजली बिल भरना भी आसान हो जाएगा। इसमें प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों विकल्प होंगे। लोग अपनी सुविधा के अनुसार मीटर चुन सकेंगे। वे बीएसईएस ऑफिस में आए बिना भी प्रीपेड बिलिंग से पोस्टपेड बिलिंग का ऑप्शन चुन सकते हैं।
स्मार्ट मीटर की क्या है खासियत?
बिजली खपत को मॉनिटर कर सकेंगे
डिमांड साइड मैनेजमेंट से बिल में कमी ला सकते हैं
लोड बढ़ाने या कम करने के लिए आवेदन कर सकेंगे
इलेक्ट्रिक गाड़ी की चार्जिंग को मॉनिटर कर सकते हैं
रूफ टॉप सौर ऊर्जा नेट मीटरिंग को मॉनिटर कर सकते हैं
वहीं स्मार्ट मीटर आपको बिजली आपूर्ति में समस्या की सूचना भी देगा। साथ ही बिजली कट जाने के बाद बताएगा कि बिजली आने में कितना समय लगेगा।
बिहार की बिजली कंपनी और मुंबई की बेस्ट समेत देश की कई यूटिलिटीज में हाल के दिनों में स्मार्ट मीटरों के लिए जो टेंडरिंग हुई है, उनमें प्रति स्मार्ट मीटर 11 हजार से 11,500 रुपये की लागत आ रही है। बीएसईएस क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने में 5 से 6 हजार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। मीटर बनाने वाली प्रमुख कंपनियां जैसे जीनस, सेक्योर और एचपीएल और टेक्नालॉजी की प्रतिष्ठित कंपनी जैसे ईडीए पहले ही बीएसईएस के स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट में अपनी दिलचस्पी दिखा चुकी हैं।