Jharkhand
News: दिल्ली के सीएम केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ विभिन्न दलों से समर्थन
जुटा रहे हैं। इसी कड़ी के चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। इस दौरान
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद रहे। इनके अलावा, मौके पर
झारखंड से राज्यसभा सदस्य महुआ माजी , दिल्ली से
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह एवं राघव चड्डा, दिल्ली सरकार
की शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना एवं दिल्ली विधानसभा के सदस्य विनय मिश्रा भी मौजूद
रहे।
इस दौरान
मीडिया से बात करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा, मोदी सरकार की
तानाशाही अध्यादेश के ख़िलाफ़ है। इस अध्यादेश के खिलाफ झारखंड के लोगों का दिल्ली
को समर्थन मिला है। उन्होंने दिल्ली की सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र सरकार के
अध्यादेश पर कहा, हेमंत सोरेन
से लंबी चर्चा हुई। उन्होंने हमें संसद के अंदर और संसद के बाहर पूरा समर्थन देने
का आश्वासन दिया है। मैं सभी पार्टियों से अनुरोध करता हूं कि जब संसद में ये
अध्यादेश आए तब इसका विरोध करें।
झारखंड के
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा, केंद्र सरकार
का अध्यादेश लोकतंत्र व संविधान पर प्रहार है। केंद्र सरकार संघीय ढांचे की बात
करती है, लेकिन काम उल्टा करती है। केंद्र सरकार की
जो सहयोगी सरकार नहीं है, उन सभी की
वर्तमान में एक सी स्थिति है। दिल्ली में इन दिनों जो कुछ भी हो रहा है, वह वहां की
गैर भाजपा शासित सरकार पर नहीं, बल्कि वहां की
जनता, देश की जनता पर प्रहार है।
उन्होंने इस
अध्यादेश पर आगे कहा, केजरीवाल जी पर जो कुछ भी थोपने का प्रयास
हो रहा है, इस पर कानूनी और राजनीतिक दृष्टिकोण से
लड़ने की आवश्यकता है। मैं चाहता हूं कि केजरीवाल जी अपनी इस मुहिम पर सफल हो।
बता दें कि
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कई विपक्षी दलों के नेताओं से मिलकर अध्यादेश के
खिलाफ समर्थन मांग रहे हैं। इसी कारण से वे ऐसे तमाम दलों का दरवाजा खटखटा रहे हैं
जो केंद्र सरकार के खिलाफ उनका साथ देने को तैयार हो सके। उन्होंने कांग्रेस सहित
कई विपक्षी दलों के नेताओं से मिलकर इस मुद्दे पर समर्थन मांगा है।