अल्मोड़ा, 16 जुलाई .भैरव लाल वर्मा, गोवर्धन शर्मा, गोविन्दबल्लभ पाण्डे, उदय लाल साह, तारा दत्त जोशी, देवी दत्त तिवारी, ख्याली राम पाण्डे, जगतीशरण पाण्डे, रेवाधरपाण्डे, नर सिंह बोरा, भैरव लाल वर्मा, मोहन सिंह नेगी .यह सभी वह नायक हैं, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की बलि चढ़ा दी . स्वतंत्रता संग्राम में उत्तराखंड के कुमायूं क्षेत्र के इन सेनानियों ने अपने-अपने ढंग से स्वतंत्रता के लिए योगदान दिया, लेकिन इन्हें इतिहास के पृष्ठों में वह स्थान नहीं मिला, जो वास्तविकता में मिलना चाहिए था . कहना गलत नहीं होगा कि इनके योगदान को भुला दिया गया . परन्तु आज क्रांतितीर्थ श्रृंखला के अंतर्गत आयोजित समारोह में जब इन सभी के योगदान को याद करके इनके परिजनों को सम्मानित किया गया तो समारोह में मौजूद सभी लोगों की चेहरे पर गर्व और आंखों में नमी देखी गई . समारोह का आयोजन सुनीता सन सिटी होटल के सभागार में किया गया .
रविवार दोपहर आयोजित क्रांतितीर्थ सम्मान समारोह का प्रारंभ संयोजक प्रो. एनडीकाण्डपाल द्वारा अतिथियों को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत के साथ हुआ सभी अतिथियों ने इस अवसर पर भारत माता के चित्र पर दीप प्रज्जवलन कर पुष्पार्चन किया .
समारोह के मुख्य अतिथि अमिताभ ठाकुर ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में स्वतंत्रता सेनानियों ने अलग-अलग धाराओं के साथ जुड़कर आन्दोलन को क्रमबद्ध तरीके से आगे बढाया। विषम परिस्थितियों में भी अपना सर्वस्व न्यौछावर कर भारत की आजादी के लिए सर्वोच्च भूमिका का निर्वहन किया लेकिन ऐसे हजारों स्वतंत्रता सेनानी रहे, जिसके योगदान को नकार दिया गया .उन्हें इतिहास में स्थान नहीं मिला . वह सभी या तो गुमनाम हो गए या फिर उनके विषय में बहुत ही कम जानकारी मौजूद है .इसलिए 'आजादी के अमृत महोत्सव' में उन सभी क्रांतिकारियों एवं स्वतंत्रता सेनानियों के विषय में जानकारी जुटाने का कार्य किया जा रहा है जो अल्पज्ञात या गुमनाम है. यह कार्य केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय और सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च ऑन डेवलपमेंट एंड चेंज (सीएआरडीसी) द्वारा क्रान्तितीर्थ श्रृंखला का आयोजन करके पूरे देश में किया जा रहा है . इसमें संस्कार भारती भी अपना योगदान दे रहा है.
प्रकृति की धरोहर के बीच बसे अल्मोड़ा में आयोजित क्रांति तीर्थ समारोह के विशेष अतिथि अल्मोड़ा-पिथौरागढ क्षेत्र के सांसद अजय टम्टा ने स्थानीय स्वतंत्रता आन्दोलन पर प्रकाश डालते हुए अल्मोड़ा एवं उत्तराखण्ड के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का स्वतंत्रता आन्दोलन में योगदान को उद्घाटित किया . इस अवसर पर अल्मोड़ा जनपद एवं अल्मोड़ा नगर के अनेकानेक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के उत्तराधिकारियों को शॉल ओढाकर तथा प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया . समारोह में पूर्व विधायक कैलाश शर्मा, रघुनाथ सिंह चौहान, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष ललित लटवाल आदि ने अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया तथा उन्हें प्रतीक चिह्नन के रूप में प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी बद्रीदत्तपाण्डे जी के द्वारा लिखी गयी पुस्तक 'कुमायूं का इतिहास' प्रदान की गई .
समारोह का संचालन करते हुए कुर्मांचल अखबार' के संपादक डॉ. चन्द्र प्रकाश फुलोरिया ने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों में भी पर्वतीय, क्षेत्र के स्वतंत्रता सेनानियों ने आजादी के आंदोलन में बढ-चढकर भागीदारी की। उन्होंने संचालन के बीच में ही गौरी दत्त पाण्डे 'गौर्दा' द्वारा लिखा गया वन्देमातरम गीत जब सुनाया तो सभी श्रोता इस गीत को सुनकर भाव विभोर हो गये।
संगोष्ठी के अध्यक्ष एवं सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो जे एस. बिष्ट ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सभी श्रोताओं, अतिथियों एवं आयोजक मण्डल के प्रति आभार व्यक्त किया। समारोह में प्रो. प्रवीण सिंह बिष्ट, प्रो. शेखर जोशी, इन्द्र मोहन, जगदीश जी, विनोद प्रजापति, राजेंद्र जोशी, गिरजा किशोर पाठक, मोहन रावल, हेमन्त जोशी, योगेश नयाल, रमेश बहुगुणा, गोविन्द पिल्खवाल, शिवम पांडे, आशुतोष, विरेन्द्र, दिवाकर, गोविन्द,लक्ष्मण सिंह भोज, बद्री विशाल अग्रवाल,संजय गुप्ता, सुरेश काण्डपाल, विद्या भारती के संभाग निरीक्षक आलम सिंह उनियाल सहित नगर के प्रबुद्धजन एवं स्थानीय निवासियों ने हिस्सा लिया .