दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली एमसीडी को फायर डिपार्टमेंट से एनओसी लिए बगैर राजधानी में चल रहे कोचिंग सेंटरों को बंद करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने मुखर्जी नगर के एक कोचिंग सेंटर में लगी आग के मामले में सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा एवं न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी की पीठ ने दिल्ली अग्निशमन सेवा व अन्य अधिकारियों से भी कहा कि वे उसके आदेश के पालन को लेकर 30 दिनों के अंदरल निगम को सभी तरह की उचित सुविधाएं भी मुहैया कराए ताकि अदालती आदेश का पालन सुनिश्चित किया जा सके।
पीठ ने दोनों से अगली स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहते हुए सुनवाई 10 अक्टूबर के लिए स्थगित कर दी। कोर्ट ने इससे पहले फायर डिपार्टमेंट को दिल्ली के सभी कोचिंग सेंटरों के फायर प्रमाणपत्र और बिल्डिंग मंजूरी की जांच करने का निर्देश दिया था। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में कहा कि दिल्ली के कुल 583 कोचिंग सेंटरों में से केवल 67 के पास दिल्ली अग्निशमन सेवाओं से अपेक्षित एनओसी है। स्थिति रिपोर्ट में कहा गया है कि 516 कोचिंग सेंटरों के पास कोई प्रमाणपत्र नहीं है। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली मास्टर प्लान, 2021 के प्रावधान कोचिंग सेंटरों को संचालित करने की अनुमति देते हैं, लेकिन उसके लिए अग्नि सुरक्षा जरूरी है।
कोर्ट ने मुखर्जी नगर में एक कोचिंग सेंटर में आग लगने के बाद जून में शुरू किए गए स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई कर रहा था। आग लगने की घटना के बाद मुखर्जी नगर थाने में आईपीसी की धारा 336 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कार्य), 337 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कार्य से चोट पहुंचाना) आदि के तहत FIR दर्ज की गई थी।