Kashipur/Haldwani: 13 अगस्त को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की वीरगाथा को आम जनता के सामने लाने के उद्देश्य से देश में आयोजित किए जा रहे क्रान्तितीर्थ समारोह की कड़ी में रविवार को उत्तराखंड के कुमांयू अंचल में स्थित काशीपुर और हल्द्वानी में क्रांतितीर्थ समारोह का आयोजन किया गया . समारोह में स्वतंत्रता संग्राम के वीर सेनानियों के वंशजों ने हिस्सा लिया, जिन्हें सम्मानित किया गया .
रविवार सुबह बाजपुर रोड स्थित एक रिसोर्ट में आयोजित क्रांतितीर्थ समारोह की अध्यक्षता केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने की, जबकि पीएनजी समूह के प्रबंध निदेशक योगेश जिंदल मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे. दीप प्रज्ज्वलन के साथ प्रारम्भ हुए समारोह में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी किशोरी लाल गुड़िया, रघुनन्दन प्रसाद लोहिया, बाल मुकुंद माहेश्वरी, धर्मानंद त्रिपाठी, बैजनाथ, बच्ची सिंह बंगारी, पिताम्बर दत्त शास्त्री, नन्द किशोर कश्यप, जय सिंह शाह, आनंद सिंह रावत, चौ. हरज्ञान सिंह, ठाकुर नैन सिंह, श्याम लाल चतुर्वेदी, जय राम गुप्ता एवं मिट्ठन लाल के परिजनों का सम्मान किया गया.
समारोह में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण देने वाले बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी. मुख्य वक्ता एवं जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र के निदेशक आशुतोष भटनागर ने क्रांतितीर्थ श्रृंखला के अंतर्गत आयोजित किए जा रहे समारोह के विषय में चर्चा करते हुए कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में हजारों वीरों ने अपनी प्राण न्यौछावर कर दिए और देश को स्वतन्त्र कराकर ही दम लिया. दुर्भाग्य यह है कि इतिहास में सैकड़ों वीरों की वीरता को या तो स्थान ही मिला या फिर वह अल्पज्ञात ही रहे. ऐसे अनाम एवं अल्पज्ञात वीरों एवं बलिदानियों की गाथा से देशवाशियों को परिचित कराने के लिए क्रांतितीर्थ समारोह का आयोजन देश भर में किया जा रहा है.
काशीपुर में क्रांतितीर्थ समारोह का आयोजन क्रांतितीर्थ आयोजन समिति (काशीपुर) एवं सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च ऑन डेवलपमेंट एंड चेंज द्वारा संयुक्त रूप से किया गया .काशीपुर में आयोजित क्रांतितीर्थ समारोह के संयोजक गुरुविंदर चंडोक, संरक्षक अरविन्द राव, गुंजन सुखीजा, राजीव कौशिक, विधायक त्रिलोक सिंह, अरविन्द पांडेय, पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा, डॉ. शैलेन्द्र सिंह सिंघल, मेयर श्रीमती उषा चौधरी, सर्वेश शर्मा, विकास राणा, सुरेंद्र सिंह जीना, अमित मित्तल सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक मौजूद रहे ,
उधर रविवार सायंकाल हल्द्वानी में क्रांतितीर्थ समारोह का आयोजन श्रीश्याम गार्डन में हुआ, जहां स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवार जनों को सम्मानित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि प्रदीप जोशी, विशिष्ट अतिथि नीरज शारदा एवं मुख्य वक्ता जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र के निदेशक थे, जबकि समारोह की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती बेला तौलिया ने की . समारोह का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित करके हुआ .
मुख्य वक्ता आशुतोष भटनागर ने कहा कि इतिहास के पृष्ठों में अनाम, अज्ञात और अल्पज्ञात बलिदानी, जिन्होंने अपना सर्वस्व देश की स्वतंत्रता, स्वराज और स्वधर्म के लिए समर्पित कर दिया, उन्हें सदैव याद रखना और उनके प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करना, हर भारतीय का धर्म है। देश के लिए शहीदों के योगदान पर चर्चा करते हुए उन्होंने शहीदों के बलिदान से प्रेरणा लेने का आह्वान करते हुए कहा कि प्रेरणा शहीदों से अगर हम नहीं लेंगे, आजादी ढलती हुई सांझ हो जाएगी, वीरों की पूजा हम नहीं करेंगे तो वीरता बांझ हो जाएगी। स्वतंत्रता का आंदोलन 1857 से प्रारम्भ होकर 1947 तक ही नहीं चला, बल्कि आजादी का आंदोलन इस्लामी आक्रमणकारीयों के भारत में प्रवेश से प्रारम्भ हो गया था। ऐसे में बच्चों को वास्तविक व पूर्ण इतिहास पढ़ाया जाना आवश्यक हैं, ताकि उन्हें भारत के वास्तविक नायकों का पता चल सके.
समारोह में देश की स्वतंत्रता में अपना अमूल्य योगदान देने वाले महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भूपाल सिंह खाती, कमला पति दुमका, हरी दत्त गर्जोला, नंदन सिंह बिष्ट, शिव नारायण सिंह नेगी, दान सिंह बिष्ट , लोकमणि शर्मा, दुर्गा दत्त दुर्गापाल, लक्ष्मी दत्त पांडे, जोगा राम आर्य, मोहन सिंह मेहता, संत राम शर्मा, शंकर दत्त पंत, केशर सिंह नेगी , रामदत्त डाल, ब्रज मोहन पांडे, तारा दत्त पांडे, सीतावर पंत, गंगादत्त पांडे, शिवराज सिंह फर्त्याल, लक्ष्मी दत्त गुणवंत एवं गौरी दत्त पांडे के स्वजनों को सम्मानित किया गया.
समारोह में विधायक हल्द्वानी सुमित हृदयेश, मेयर डॉ. जोगेन्दर पाल सिंह रौतेला, जिला पंचायत उपाध्यक्ष आनंद दरमवाल, क्रांतितीर्थ आयोजन समिति (हल्द्वानी) के संरक्षक डॉक्टर नीलांबर भट्ट, संयोजक भगवान सहाय अग्रवाल, सह संयोजक विवेक कश्यप, सुरेश पांडे, श्रीमती विमला भट्ट, कृष्ण चंद्र बेलवाल, समरपाल, अमरनाथ जोशी, उमेश शाह, अतुल अग्रवाल, प्रदीप लोहनी, विनीत अग्रवाल सहित मोहन पाठक, नवीन दुम्का, दिनेश खुल्वे, हेमंत द्विवेदी, गोधन सिंह धोनी, सूरज प्रकाश तिवारी, कमलेश त्रिपाठी, सहित अनेक गण्यमान्य लोगों ने हिस्सा लिया.
जानकारी हो कि भारत को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने के लिए हजारों वीर सिपाहियों और क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की भेंट चढ़ा दी . लेकिन उनकी गाथाओं को इतिहास के पृष्ठों में स्थान नहीं मिला. स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे गुमनाम एवं अल्पज्ञात सेनानियों की वीरगाथा को आम जनता के सामने लाने का बीड़ा उठाया है-केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय और सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च ऑन डेवलपमेंट एंड चेंज (सीएआरडीसी) ने और इसमें संस्कार भारती सहयोगी की भूमिका में है. 'आजादी के अमृत महोत्सव' के अवसर पर क्रान्तितीर्थ श्रृंखला का आयोजन संस्कृति मंत्रालय एवं सीएआरडीसी द्वारा गुमनाम एवं अल्पज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को सामने लाने के लिए पूरे देश में किया जा रहा है .