Haryana News: हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने जान गंवाने वाले सैनिकों के परिवार को नौकरी योजना में बड़ा बदलाव किया है। प्रदेश सरकार अब रक्षा अधिकारियों, सैनिकों, केंद्रीय सशस्त्र बलों के सदस्यों के किसी भी आपरेशन में हताहत होने पर उनके परिवार को सांत्वना के तौर पर नौकरी प्रदान करेगी।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस मामले में फैसला लिया गया। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि अब अनुकंपा नियुक्ति नीति के पात्र परिवार के सदस्यों की परिभाषा को बढ़ाया गया है। संशोधित नीति के तहत अनुकंपा नियुक्ति के पहले पात्र संबंधित शहीद के पति/पत्नी हैं। यदि पति या पत्नी नियुक्ति नहीं चाहते तो विवाहित या अविवाहित बच्चों में से एक को लाभ दिया जा सकता है। इसमें कानूनी रूप से गोद लिए गए बच्चे भी शामिल हैं। यदि युद्ध में हताहत व्यक्ति अविवाहित था तो उसके माता-पिता की सहमति से ही अविवाहित या विवाहित भाई-बहन या जिसके लिए माता-पिता और अन्य अविवाहित बहनों और भाइओं द्वारा सहमति दी जाती है, को नीति का लाभ दिया जाएगा।
अभी तक यह नीति युद्ध से हताहत होने वाले सैनिकों के परिवार के सदस्यों पर ही लागू होती थी। अब किसी भी आपरेशन या युद्ध के दौरान आइआइडी विस्फोट, आतंकवादी घटना, उग्रवादी हमला, सीमा पर झड़प, एमटी कार्डिएक अरेस्ट, हवाई दुर्घटना और प्राकृतिक आपदाओं में असाधारण साहस का प्रदर्शन करते हुए शहीद हुए सैनिकों के परिजनों को भी अनुकंपा आधारित नौकरियां प्रदान की जाएंगी। संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में वास्तविक आधिकारिक कर्तव्यों के प्रदर्शन के दौरान विभिन्न प्रकार की दुर्घटनाओं में शहीद होने वाले आश्रितों को भी राज्य सरकार की इस योजना का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार के इस फैसले से राष्ट्र की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिकों के परिवारों का मनोबल बढ़ेगा। इससे पहले 30 मई, 2014 और 28 सितंबर, 2018 की पिछली नीतियों के अनुसार नौकरियां केवल उन शहीदों के आश्रितों को प्रदान की जाती थी, जो सीमा पर झड़पों, आतंकवादी हमलों या दंगों में मारे जाते थे और जिन्हें रक्षा मंत्रालय या गृह मंत्रालय द्वारा शहीद घोषित किया जाता था।
पद्म पुरस्कार विजेताओं को मिलेंगे 10 हजार रुपये प्रतिमाह
मनोहर लाल सरकार ने राज्य के पद्म पुरस्कार से सम्मानितों के लिए ‘हरियाणा गौरव सम्मान योजना 2023’ शुरू की है। इसके तहत पद्म पुरस्कार विजेताओं को 10 हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जाएगा। बताया जाता है कि पद्म पुरस्कारों से सम्मानित विभूतियों की राज्य में संख्या सौ से अधिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिभा, कड़ी मेहनत, समर्पण को सम्मान के लिए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि योजना का उद्देश्य हरियाणा के उन नागरिकों की असाधारण उपलब्धियों का सम्मान करना है, जिन्होंने खेल, कला, साहित्य, सामाजिक कार्य, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, उद्योग और सार्वजनिक जीवन के अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।