हाई कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार की शिक्षा मंत्री आतिशी की यूनाइटेड किंगडम (UK)की ओफिशियल विज़िट के लिए केंद्र से अपेक्षित मंजूरी की मांग वाली पटीशन पर कार्यवाही बंद कर दी। पिछले महीने केंद्र सरकार के अधिकारियों द्वारा दी गई मंजूरी के अनुसार ब्रिटेन का दौरा करने के बाद आप नेता के वकील ने कहा कि मामले में कुछ भी नहीं बचा है क्योंकि प्रार्थना का उत्तर दिया गया है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा याचिका को निरर्थक मानकर निपटाया जाता है। केंद्र ने सात जून को अदालत को बताया कि उनकी आधिकारिक यात्रा के लिए UK की यात्रा को मंजूरी दे दी गई है। अपनी पटीशन में दिल्ली मंत्री ने तर्क दिया था कि विवेकाधीन आधार पर विदेश यात्रा के उनके अधिकार को बाधित करना उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन है।
आतिशी ने पिछले महीने यह कहते हुए हाई कोर्ट का रुख किया था कि उन्हें कैंब्रिज यूनीवर्सिटी द्वारा 15 जून को ‘100 पर भारत: एक वैश्विक नेता बनने की ओर’ विषय पर आयोजित सम्मेलन में बोलने के लिए उनकी आधिकारिक क्षमता में आमंत्रित किया गया है। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली सरकार ने 14 से 20 जून तक यात्रा के लिए प्रशासनिक मंजूरी दे दी थी, लेकिन केंद्र सरकार केवल सवालों का जवाब दे रही है।
केंद्र ने सात जून को अदालत को बताया कि उनकी आधिकारिक यात्रा के लिए UK की यात्रा को मंजूरी दे दी गई है। अपनी याचिका में दिल्ली मंत्री ने तर्क दिया था कि विवेकाधीन आधार पर विदेश यात्रा के उनके अधिकार को प्रतिबंधित करना उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन है। उन्होंने यह भी तर्क दिया था कि राज्य सरकार में संवैधानिक पदाधिकारियों और मंत्रियों द्वारा विदेश यात्रा के लिए केंद्र की राजनीतिक मंजूरी लेने की आवश्यकता एक संवैधानिक कार्यालय की गरिमा और स्वतंत्रता का उल्लंघन है।
वहीं वित्त मंत्री कैलाश गहलोत की एक अलग याचिका विचाराधीन है जिसमें सीएम सहित राज्य सरकार के मंत्रियों को विदेश यात्रा के लिए केंद्र से राजनीतिक मंजूरी लेने की आवश्यकता को चुनौती दी है। उन्होंने पिछले साल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 31 जुलाई से 7 अगस्त, 2022 तक 8वें विश्व शहरों के शिखर सम्मेलन के लिए सिंगापुर की यात्रा की अनुमति नहीं दिए जाने की पृष्ठभूमि में याचिका दायर की थी।