Rajasthan Election: internal survey में 80 सीटों को लेकर निश्चिंत गहलोत; मैजिक फिगर 101 के लिए मशक्कत शुरू


Rajasthan Election: कांग्रेस पार्टी एकजुट होकर फिर से सरकार बनाने के लिए जुट गई है। 53 सीटें ऐसी हैं, जो कांग्रेस के लिए पिछली तीन बार से हार का सबब बनी हैं। 28 सीटें काफी कमज़ोर हैं। इन पर फोकस करके कांग्रेस चुनावी तैयारी में जुटी है, लेकिन  यह बात पक्की है कि अबकी बार बीजेपी कांग्रेस को कांटे की टक्कर देने वाली है। राजस्थान विधानसभा चुनाव में 53 सीटें पिछले तीन बार से लगातार कांग्रेस हार रही है और ये सीटें पार्टी के लिए माथापच्ची का बड़ा कारण बनी हुई हैं। साल 2008, 2014 और 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां बीजेपी ने कांग्रेस को हराया है। इन सीटों पर हार का सिलसिला तोड़ने के लिए कांग्रेस प्रमुखता से विचार कर रही है। इन सीटों को जीतने के लिए खासतौर से फोकस किया जा रहा है। इसके लिए युद्ध स्तर पर रणनीति तैयार की जा रही है।  

कौन सी 28 सीटें कांग्रेस के लिए हैं बेहद कमजोर सीटें ? 

कांग्रेस की 28 सीटें तमाम रणनीति के बाद भी कमजोर सीटों में शामिल हैं। इनमें अजमेर उत्तर, अजमेर दक्षिण, ब्यावर, अलवर शहर, बीकानेर पूर्व, रतनगढ़, फुलेरा, विद्याधर नगर, मालवीय नगर, नागौर, सोजत, पाली, बाली, सूरसागर, सिवाना, भीनमाल, रेवदर, उदयपुर, राजसमंद, आसींद, भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा दक्षिण, लाडपुरा, रामगंज मंडी, झालरापाटन और खानपुर सीटें हैं। जिन पर टिकट दावेदारों को लेकर किचकिच जारी है।

कौन सी 80 सीटों को लेकर कांग्रेस जीत के लिए निश्चिन्त ?

कांग्रेस पार्टी का मानना है कि प्रदेश में 80 सीटों पर जीत के लिए वो निश्चिन्त है। इस आंकड़े को 100 के पार पहुंचाने का टारगेट है। हालांकि सीएम गहलोत मिशन 156 सीट लेकर चल रहे हैं। जो 1998 के चुनाव का फिगर है। कांग्रेस पार्टी ने ए, बी और सी कैटेगरी में सीटों को बांटा है। सबसे मजबूत सीटें ए कैटेगरी की हैं। फिर बी और अंत में सी कैटेगरी की सीटें हैं। 

सबसे मजबूत मानी जाने वाली 40 सीटें ए- कैटेगरी में रखी गई हैं। 60 सीटों को बी- कैटेगरी में रखा गया है। जहां हालात जीतने वाले है। इसके अलावा 100 सीटें सी- कैटेगरी में रखी गई हैं। जिनमें वह 53 सीटें भी हैं, जहां लगातार पिछले तीन बार से पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है।

जानते हैं ए-कैटेगरी की कुछ मजबूत सीटों के बारे में 

कांग्रेस पार्टी की ए-कैटेगरी की मजबूत सीटों में सरदार शहर, सरदारपुरा, झुंझुनूं, लक्ष्मणगढ़, कोटपूतली, बानसूर, डीग-कुम्हेर, सपोटरा, बागीदौरा, हिंडोली, अंता, लालसोट, टोंक, बाड़मेर, सांचौर, ओसियां, पीपल्दा, लोहावट, बाड़ी, राजाखेड़ा, निंबाहेड़ा जैसी सीटें शामिल हैं।

कौन सी प्रमुख सीटों पर कांग्रेस जीत के लिए विश्वस्त ?

सरदारपुरा से सीएम अशोक गहलोत चुनाव लड़ेंगे, ये सीच उनकी परंपरागत सीट है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा लक्ष्मणगढ़ सीट से चुनाव लड़ेंगे। और CWC सदस्य और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट टोंक या नसीराबाद से चुनाव लड़ सकते हैं। अलवर शहर में पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह को चुनाव लड़ाया जा सकता है। अजमेर उत्तर से किशन मोटवानी को टिकट दिया जा सकता है। तीन बार पूर्व विधायक रहे हैं। फुलेरा सीट से पूर्व आईपीएस और राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष रहे हरिप्रसाद शर्मा कांग्रेस के पास मजबूत कैंडिडेट हैं। हालांकि युवा बोर्ड अध्यक्ष सीताराम लांबा और 2018 के कांग्रेस प्रत्याशी विद्याधर चौधरी भी दावेदार हैं। सिरोही में संयम लोढ़ा, वल्लभनगर में प्रीति सिंह शक्तावत, खंडेला में महादेव सिंह खंडेला, सवाईमाधोपुर में दानिश अबरार, निवाई पीपलू से प्रशांत बैरवा, भीम से सुदर्शन सिंह रावत, डीडवाना से चेतन सिंह चौधरी, नावां से महेंद्र चौधरी, कोटा उत्तर से शांति धरिवाल या उनके पुत्र, सपोटरा से रमेश चंद मीणा, हिंडौन से भरोसीलाल जाटव, ओसियां से दिव्या मदेरणा, शेरगढ़ से मीना कंवर, मंडावा में कुमारी रीटा चौधरी, सांचौर में सुखराम विश्नोई, पोकरण में शाले मोहम्मद, किशनपोल में अमीन कागज़ी, आदर्श नगर में रफीक खान, सिविल लाइंस में प्रताप सिंह खाचरियावास, शाहपुरा में आलोक बेनीवाल, हनुमानगढ़ में विनोद कुमार, नोहर में अमित चाचाण, करणपुर में गुरमीत सिंह कुन्नर या उनके पुत्र, बाड़ी में गिर्राज सिंह मलिंगा, राजाखेड़ा में रोहित बोहरा, दौसा में मुरारीलाल मीणा, लालसोट में परसादीलाल मीना, सिकराय में ममता भूपेश, सादुलपुर में कृष्णा पूनिया, सरदार शहर में अनिल कुमार शर्मा, सुजानगढ़ में मनोज कुमार, तारानगर में नरेंद्र बुडानिया, बेगू में राजेंद्र सिंह बिधूड़ी, निंबाहेड़ा में उदयलाल आंजना, हिंडोली में अशोक चांदना, बीकानेर पश्चिम में डॉ बीडी कल्ला, खाजूवाला में गोविंद राम मेघवाल, कोलायत में भंवर सिंह भाटी, मांडल में रामलाल जाट, सहाड़ा में गायत्री देवी त्रिवेदी, बारां-अटरू में पानाचंद मेघवाल, बागीदौरा में महेंद्रजीत सिंह मालवीय, बांसवाड़ा में अर्जुन बामणिया, अलवर ग्रामीण में टीकाराम जूली, बानसूर में शकुंतला रावत, रामगढ़ में साफिया ज़ुबैर, तिजारा में संदीप कुमार वह कैंडिडेट है जिनकी जीत के लिए कांग्रेस पार्टी आश्वस्त है।

कांग्रेस की पुराने 33 जिलेवार 80 मजबूत सीटें

बीकानेर - चार

चूरू - तीन 

झुंझुनूं - तीन

सीकर - तीन

जयपुर - सात

भरतपुर - चार 

धौलपुर - तीन

करौली - चार

दौसा - तीन

सवाई माधोपुर - एक

अजमेर - दो

जोधपुर - चार

बाड़मेर - तीन

जैसलमेर - दो

जालोर - एक

डूंगरपुर - दो

बांसवाड़ा - दो

चित्तौड़गढ़ - एक

भीलवाड़ा - दो

कोटा - दो

बारां - तीन

अलवर - तीन

श्रीगंगानगर - दो

हनुमानगढ़ - दो

नागौर - तीन

उदयपुर - दो

सिरोही - एक

बूंदी - एक

टोंक - दो

प्रतापगढ़ - दो

राजसमंद - एक

सवाईमाधोपुर - एक

कर्नाटक फार्मूले पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस, जीतने वाले उम्मीदवार को ही दिया जाएगा टिकट

कांग्रेस पार्टी राजस्थान में भी कर्नाटक फॉर्मूले पर चुनाव लड़ेगी। सीएम अशोक गहलोत ने इसका उदाहरण भी देते हुए बताया कि वहां से युवा को टिकट दिया और वह जीत कर आया। इसलिए टिकट का क्राइटेरिया विनेबिलिटी होगा। जीतने वाले कैंडिडेट को ही टिकट दिया जाएगा।

पहली लिस्ट में ए-कैटेगरी की टिकटें बांटेगी कांग्रेस

माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी यह प्लानिंग कर रही है कि सितंबर अंत या अक्टूबर शुरुआत में ए-कैटेगरी की मजबूत कुछ चुनिंदा सीटों पर ही प्रत्याशी घोषित किए जाएं। उसके बाद एक और सर्वे अक्टूबर के शुरुआती हफ्ते तक आ जाएगा। जिसके आधार पर दूसरी लिस्ट जारी की जाएगी। अक्टूबर महीने में ही तीसरी लिस्ट भी जारी की जाएगी। सबसे चुनौतीपूर्ण सीटों पर टिकटों की बाँट रणनीतिक रूप से सबसे अंत में किया जाएगा। कोशिश की जाएगी कि बीजेपी का कैंडिडेट देखकर वहां प्रत्याशी उतारे जाएं, ताकि जीत का गणित और हिसाब लगाया जा सके और समीकरणों को साधा जा सके।

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