New Delhi: क्रांतितीर्थ शृंखला के तहत दिल्ली स्थित शिवाजी कॉलेज में ‘टेक्नोस्पीक’ कार्यक्रम का आयोजन हुआ



New Delhi: भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपना सब कुछ बलिदान करने वाले अनाम एवं अल्पज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए देश भर में आयोजित की जा रही क्रांतितीर्थ शृंखला के अंतर्गत दिल्ली स्थित शिवाजी कॉलेज में मंगलवार को ‘टेक्नोस्पीक’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दिल्ली विश्विद्यालय के अंतर्गत आने वाले शिवाजी कालेज के न्यू ऑडिटोरियम में आयोजित ' टेक्नोस्पीक' कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि और महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो. वीरेंद्र भारद्वाज तथा मुख्य वक्ता डॉ. सुशील कुमार ने भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन करके किया .

मंगलवार को शिवाजी कालेज में आयोजित 'टेक्नोस्पीक' कार्यक्रम में यूथ फॉर नेशन150 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया . 'टेक्नोस्पीक' कार्यक्रम का विषय "हमारे परिप्रेक्ष्य में 2047 का भारत" रखा गया, जिसमें विद्यार्थियों ने 2047 में भारत कैसा होना चाहिए- विषय पर अपने विचार रखे. साथ ही विद्यार्थियों ने स्वप्नों को पूरा करने के लिए अपनाए जाने वाले प्रयत्नों  पर विस्तार से चर्चा की . 

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सुशील कुमार ने क्रांतितीर्थ के प्रायोजन और स्वतंत्रता संग्राम के कुछ अनछुए पहलुओं से अवगत करते हुए कहा कि हमारे देश में ऐसे हजारों ऐसे वीर-वीरांगनाएं हैं, जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया. दुर्भाग्य यह है कि इतिहास के पृष्ठों में उन्हें या तो उचित स्थान नहीं मिला या फिर उन्हें नजरअंदाज किया गया . आजादी के अमृत महोत्सव में ऐसे अल्पज्ञात एवं अज्ञात वीरों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही उन्हें याद किया जा रहा है I इसी परिप्रेक्ष्य में 'टेक्नोस्पीक' कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालयों में किया जा रहा है . टेक्नोस्पीक' का विषय "हमारे परिप्रेक्ष्य में 2047 का भारत" है और इसके माध्यम से छात्र-छात्राओं के विचार सामने आ रहे हैं, जो देश को एक नई दृष्टि प्रदान करेंगे.  

जानकारी हो कि भारत को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने के लिए हजारों वीर सिपाहियों और क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की भेंट चढ़ा दी . लेकिन उनकी गाथाओं को इतिहास के पृष्ठों में स्थान नहीं मिला.  स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे गुमनाम एवं अल्पज्ञात सेनानियों की वीरगाथा को आम जनता के सामने लाने का बीड़ा उठाया है-केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय और सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च ऑन डेवलपमेंट एंड चेंज (सीएआरडीसी) ने . 'आजादी के अमृत महोत्सव' के अवसर पर क्रान्तितीर्थ शृंखला के अंतर्गत यूथ फॉर नेशन के सहयोग से 'टेक्नोस्पीक' कार्यक्रम महाविद्यालयों में आयोजित किया जा रहा है, जिसका विषय है "हमारे परिप्रेक्ष्य में 2047 का भारत"। शिवाजी कॉलेज में मंगलवार को टेक्नोस्पीक कार्यक्रम में सैकड़ों छात्र-छात्राओं के साथ यूथ फॉर नेशन से जुड़े हुए सूरज, कन्हैया, सुदीप आदि मौजूद रहे।



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