Ayodhya/UP: चार दिन पहले सरयू एक्सप्रेस में यानी कि 30 अगस्त को अयोध्या स्टेशन पर सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में महिला सिपाही खून से लथपथ हालत में मिली थी. महिला कांस्टेबल जिस हालत में मिली थी उसकी पूरी वर्दी अस्त-व्यस्त थी. महिला सिपाही के चेहरे और शरीर पर कई घाव थे.महिला सिपाही के साथ चलती ट्रेन में दरिंदगी हुई है. महिला हेड कांस्टेबल ट्रेन की बोगी में खून से लथपथ मिली थी. महिला सिपाही को तुरंत ही हॉस्पिटल ले जाया गया जहां पर उसका इलाज किया जा रहा है. गौरतलब है कि अब उसके स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है.इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रविवार रात को मामले की सुनवाई की और सभी जिम्मेदारों को सोमवार को जवाबों के साथ तलब होने को कहा है.
जानकारी के मुताबिक महिला हेड कांस्टेबल की ड्यूटी अयोध्या सावन मेले में लगी हुई थी. वह मनकापुर से सरयू एक्सप्रेस ट्रेन से अयोध्या आ रही थी. इसी बीच उसके साथ हैवानियत की गई है. महिला हेड कांस्टेबल की फोटोज और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. महिला हेड कांस्टेबल के भाई ने इस पूरे मामले में कहा है कि उनकी बहन के साथ दुष्कर्म की घटना नहीं हुई है,उन्होंने बताया कि उनकी बहन का इलाज फिलहाल लखनऊ ट्रॉमा सेंटर में इलाज चल रहा है. उसने बताया कि पहले से बहन की स्थिति बेहतर है, वहीं उसने गलत खबरें नहीं चलाने की अपील की है.
बता दें कि महिला सिपाही सरयू एक्सप्रेस ट्रेन की एक बोगी में मिली थी. उसके शरीर पर कई घाव थे और वह पूरी तरह से खून से लथपथ थी. उसकी वर्दी नीचे से फटी हुई थी और पूरे शहीर में चाकू जैसे तेजधार हथियार से कई वार किए गए थे. बताया जा रहा है कि महिला सिपाही के सिर्फ चेहरे में ही 14-15 टांके लगाए गए हैं. उसे जीआरपी ने 30 अगस्त को सुबह करीब 4 बजे जख्मी हालत में ट्रेन से उतारा.
रविवार रात को चीफ जस्टिस प्रितिंकर दिवाकर ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए सुनवाई की. जिसके बाद से पूरा महकमा अलर्ट मोड पर है. रविवार को हुई स्पेशल बेंच की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यूपी सरकार के एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल, शासकीय अधिवक्ता ए के संड, एडिशनल गवर्नमेंट एडवोकेट जेके उपाध्याय और एडिशनल चीफ स्टैंडिंग काउंसिल प्रियंका मिड्ढा को तलब किया था. इस मामले में सोमवार को फिर से सुनवाई होनी है जिसमें हाई कोर्ट ने सभी विभागों को सभी जवाबों के साथ पेश होने को कहा है.