बंगला सौंदर्यीकरण मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मामले की जांच अब CBI करेगी। इसको लेकर CBI ने प्रारंभिक जांच (Preliminary Enquiry-पीई) दर्ज की है। अधिकारियों के अनुसार CBI की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा(Anti Corruption Branch) ने दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग(Public Works Department)से बंगले से संबंधित रिकॉर्ड जारी करने की मांग की है। इसके साथ ही एजेंसी ने पीडब्ल्यूडी से कागजात पेश करने को कहा है कि परियोजना को कैसे मंजूरी दी गई थी। जानकारी के मुताबिक, CBI की ओर से विभाग को कागजात पेश करने के लिए 26 सितंबर तक का समय दिया गया था।
इस मामले में गुरुवार को CM अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 'इससे पता चलता है कि पीएम घबराए हुए हैं, यह पहली पूछताछ नहीं है। पहले ही 50 से अधिक बार पूछताछ की जा चुकी है।' उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ 33 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, वे पिछले 8 साल से जांच कर रहे हैं, लेकिन कुछ नहीं मिला। इसलिए उन्होंने ये नई जांच शुरू की है, इसका भी स्वागत है, इस जांच में भी कुछ नहीं मिलेगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीधे-सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दी है। उन्होंने बिना नाम लिए बीजेपी और केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि ये लोग उन्हें झुकाना और तोड़ना चाहते हैं लेकिन केजरीवाल झुकने वाला नहीं है। आम आदमी पार्टी के मुखिया ने कहा कि 8 साल से उनके खिलाफ जांच पर जांच हो रहे हैं, जब से वह मुख्यमंत्री बने हैं लेकिन कुछ नहीं मिला। उन्होंने पीएम को चुनौती देते हुए कहा कि अगर इस जांच में पहले की तरह कुछ नहीं निकलता है तो क्या वह इस्तीफा देंगे। दूसरी तरफ, बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा है कि सीबीआई जांच के केजरीवाल के 'राजमहल' का सच सामने आ जाएगा।
इससे पहले उपराज्यपाल ने भी मुख्यमंत्री आवास सौंदर्यीकरण में हुए खर्च को संज्ञान में लिया था। बता दें कि दिल्ली सीएम के आवास के सौंदर्यीकरण में कथित भ्रष्टाचार का मामला इसी साल अप्रैल में पहली बार सामने आया। भाजपा ने दावा किया था कि केजरीवाल ने अपने आधिकारिक आवास के सौंदर्यीकरण के लिए करीब 45 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
केजरीवाल 2015 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से दिल्ली में 6 फ्लैगस्टाफ रोड स्थित आधिकारिक आवास में रह रहे हैं। केजरीवाल के इसी बंगले के निर्माण में अनियमितता के आरोप लगे हैं। केंद्रीय एजेंसी सीबीआई ने अनियमितता के आरोपों की प्रारंभिक जांच शुरू की है। सीबीआई द्वारा यह जांच दिल्ली सरकार के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ शुरू की गई है। मामले में एक नियमित एफआईआर दर्ज करने से पहले एजेंसी ने यह कदम उठाया है। प्रारंभिक जांच में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि एफआईआर दर्ज करने के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त सबूत हैं या नहीं।