जौनपुर : उत्तर प्रदेश के जौनपुर स्थित राजा हरपाल सिंह पीजी कॉलेज में "टेक्नोस्पीक" प्रतियोगिता आयोजित की गई. इस प्रतियोगिता में छात्रों को अपने विचार रखने का अवसर मिला. 2047 में भारत की परिकल्पना कैसी होगी ? इस सम्बन्ध में छात्रों ने अपने जो विचार सामने रखें, उसे जानकर गर्व होता है कि भावी पीढ़ी देश को किस स्थिति में देख रही है. प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया, कार्यक्रम के दौरान ही निर्णायक मंडल ने विजेता प्रतिभागियों की घोषणा की. प्रतियोगिता में शिवानी शर्मा ने प्रथम, पूर्णिमा तिवारी ने द्वितीय तथा त्विशा उपाध्याय ने तृतीय स्थान प्राप्त किया.
"टेक्नोस्पीक" प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि के रूप में ई. रवींद्र प्रताप सिंह और मुख्य वक्ता प्रो. जय कुमार मिश्रा के समक्ष छात्रों ने अपने विचार रखे. महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो. अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता में विद्यार्थियों ने प्रतियोगिता में भाग लिया. छात्रों ने अपने-अपने विचारों के माध्यम से आगामी 25 वर्षों के बाद भारत की तस्वीर कैसी होनी चाहिए, इसका जिक्र अपने विचारों में बखूबी स्पष्ट किया. विशेष बात ये रही कि छात्रों के विचारों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंच प्राणों के आह्वान का सन्देश वस्तुतः झलक रहा था.
"टेक्नोस्पीक" प्रतियोगिता का आयोजन क्रांति तीर्थ श्रृंखला के देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों के अंतर्गत किया गया. आपको बता दें कि क्रांति तीर्थ श्रृंखला का आयोजन केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय, सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च ऑन डेवलपमेंट एंड चेंज और यूथ फॉर नेशन के सहयोग से किया जा रहा है. रृंखला का उद्देश्य भारत को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने वाले उन अनगिनत वीर सिपाहियों और क्रांतिकारियों के योगदान को सामने लाना है, जिन्होंने अपना सर्वस्व देश के लिए समर्पित कर दिया, लेकिन उनकी गाथाओं को इतिहास के पृष्ठों में उचित स्थान नहीं मिला.
इसी कड़ी में जौनपुर में आयोजित 'टेक्नोस्पीक' प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि ई. रवींद्र प्रताप सिंह ने कहा कि गुमनाम शहीदों को याद करने और इतिहास में उन्हें उनका उचित स्थान दिलाने हेतु देश भर में आयोजित की जा रही क्रांति तीर्थ श्रृंखला के माध्यम से समाज में निश्चित ही एक बहुत ही सकारात्मक संदेश जा रहा है. प्रतियोगिता में छात्रों ने पीपीटी के माध्यम से भविष्य के भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुतिकरण नई पीढ़ी को देश की विकास गाथा से जोड़ने का कार्य करेगा.
कार्यक्रम में यूथ फॉर नेशन से जुड़े डॉ. श्याम बाबू और महाविद्यालय के सर्वेश कुमार दुबे समन्वयक की भूमिका में रहे. कार्यक्रम के अंत में ब्रजेश प्रताप सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ ही सभी विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की. निर्णायक मंडल में डॉ. योगेश कुमार शर्मा (बी. एड), डॉ. मनोज कुमार सिंह (इतिहास विभाग), डॉ. महेंद्र कुमार उपाध्याय, डॉ. अविनाश सिंह यादव (अर्थशास्त्र विभाग) और डॉ. राजीव कुमार त्रिपाठी (वनस्पति विभाग) रहे. इस कार्यक्रम में लगभग 200 विद्यार्थियों ने भाग लिया.
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