चंडीगढ़ : में SGPC चुनाव के लिए नए वोट बनाने और मतदाता सूचियों को सही करने की प्रक्रिया 21 अक्तूबर से शुरू होगी। SGPC यानि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव करवाने की तैयारियों को हरी झंडी देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ये जानकारी दी है. सीएम भगवंत मान ने कहा है कि इस कदम से चुनाव करवाने के लिए रास्ता साफ होगा, जिससे ये सुनिश्चित हो जाएगा कि लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई शिरोमणि कमेटी सिखों के मामलों की बागडोर संभाले। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि अस्थायी प्रधान वाली अंतरिम कमेटी संस्था का कामकाज चला रही है। सीएम भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार प्रमुख सिख संस्था के चुनाव जल्द करवाना सुनिश्चित बनाएगी।
ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सिखों की प्रतिष्ठित संस्था अब अपने आकाओं के हाथों की कठपुतली बन गई है। बदकिस्मती से इस सर्वोच्च संस्था के फैसले अकाली लीडरशिप द्वारा पहले ही ले लिए जाते हैं। सीएम मान ने कहा कि आधुनिक युग के महंतों को बाहर निकालने के लिए स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव करवाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री मान ने कहा कि इस संस्था के सभी फैसले बादल परिवार ही लेता है और लागू करवाता है। शिरोमणि कमेटी के मामलों में निजी दखल देकर संगतों के हितों को चोट पहुंचाई जा रही है। बुद्धिमान लोग ऐसे मानवता के दुश्मन लोगों को कभी भी माफ नहीं करेंगे।
आपको बता दें कि सिखों की प्रमुख संस्था एसजीपीसी का विधिवत चुनाव 12 साल पहले वर्ष 2011 में हुआ था। उसके बाद यह चुनाव अमृतधारी बनाम सहजधारी सिख वोटरों के मुद्दे पर अदालती लड़ाई में उलझ गया। सहजधारी सिखों को वोट का अधिकार नहीं देने की मांग उठाई गई थी। यह विवाद अब अदालती फैसले के बाद समाप्त हो चुका है लेकिन एसजीपीसी के चुनाव नहीं कराए जा सके और संस्था का कामकाज अब तक कार्यकारी कमेटी ही संभालती रही। इस साल गुरुद्वारा आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त पद पर हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस एसएस सारों की नियुक्ति के बाद पंजाब, हिमाचल और चंडीगढ़ के गृह सचिवों को पत्र लिखकर मतदाता सूची बनाने का निर्देश दिया था।
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