दिल्ली : दिल्ली में बाइक अब टैक्सी नियमों के तहत चल सकेंगी. लेकिन लोगों को ये सुविधा इलेक्ट्रिक बाइक के रूप में ही मिल पाएगी. दिल्ली में कैब एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाता योजना की अधिसूचना जारी कर दी गई है. योजना के तहत कैब एग्रीगेटर कंपनियों को अपने चालकों को ट्रेनिंग देना अनिवार्य होगा. यात्रियों से कम रेटिंग मिलने और चालकों के खिलाफ बार-बार शिकायतें मिलने पर कंपनियों को कार्रवाई भी करनी होगी.
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने जानकारी देते हुए कहा कि जितने भी एग्रीगेटर होंगे, चाहे वह पैसेंजर ट्रांसपोर्ट, डिलीवरी या ई-कार्मस सर्विस से जुड़े हैं सभी को अपने वाहनों के बेड़े को वर्ष 2030 तक पूरी तरह से इलेक्ट्रिक करना होगा. इस योजना को उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 24 नंवबर को मंजूरी दी थी. ये योजना 3 कैटेगरी में लागू होगी. पहला पैसेंजर ट्रांसपोर्ट- जिसमें बाइक, कैब टैक्सी होंगी, दूसरा डिलीवरी सेवा प्रदाता योजना- इसमें स्वीगी, जोमैटो आदी डिलीवरी से जुड़ी सेवा होगी, तीसरा ई-कामर्स फ्लिप कार्ट, अगेजोन आदि के लिए, ये योजना बसों पर लागू नहीं होगीं. इस योजना के तहत एग्रीगेटर के पास कम से कम 25 वाहन होने चाहिए इसमें दोपहिया, 3 पहिया और कैब शामिल हैं. अधिसूचना जारी होने के 90 दिन के अंदर एग्रीगेटर को लाइसेंस लेना होगा. लाइसेंस की 5 साल की वैलेडिटी होगी. इसका वार्षिक भुगतान भी करना होगा.
अगर किसी एग्रीगेटर के पास इलेक्ट्रिक वाहन हैं तो उसपर कोई फीस नहीं होगी. एग्रीगेटर को एनसीआर के अंदर कमांड सेंटर बनाना होगा और उसके कमांड सेंटर का एक्सेस परिवहन विभाग को देना होगा. परिवहन मंत्री ने कहा कि अगर कोई एग्रीगेटर नियमों का उल्लंघन करता है और बिना रजिस्टर किए कोई एग्रीगेटर डीजल या पेट्रोल के वाहन चला रहा है तो परिवहन विभाग उसपर कार्रवाई करेगा. पहली बार में एक वाहन पर 5 हजार से एक लाख रुपये तक जुर्माना किया जा सकता है. दूसरी बार में लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है.
ऐसे कैच एग्रीगेटर जिनके पास पहले से कुछ वाहन हैं और अगले साल तक कुछ और वाहन लेना चाह रहे हैं तो दो पहिया (बाइक टैक्सी) इलेक्ट्रिक ही लेना पड़ेगा. अगर तीन पहिया वाहन हैं तो अगले छह माह में 10 प्रतिशत तक इलेक्ट्रिक करना है. एक साल में 25 प्रतिशत, दो साल में 50 प्रतिशत, तीन साल में 75, चार और पांच साल में 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन ही चलाना है. अगर चार पहिया वाहनों की बात करें तो पहले छह माह में 5 प्रतिशत, एक साल में 15 प्रतिशत, दो साल में 25, तीन साल में 50 चार साल में 75 और पांच साल में 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन ही चलाने हैं. डिलीवरी सेवा प्रदाता को अगले छह माह में 10 प्रतिशत, एक साल में 25, दो साल में 50, तीन साल में 75 और चार साल में 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन ही चला सकेंगे.
दिल्ली सरकार ने फिलहाल योजना में किराए को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है. बताया जा रहा है कि पूर्व में आटो टैक्सी के किराए जैसे हैं उसी तरह से इन्हें लागू किया जाएगा. मंत्री ने कहा है कि किराया अधिक लेने की शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी.
इस योजना में शामिल सभी वाहन साल 2030 तक इलेक्ट्रिक होंगे, ऐसे में वायु प्रदूषण से निपटने में भी काफी मदद मिलेगी. साथ ही यात्रियों की सुरक्षा के लिए पैनिक बटन, वाहन की साफ-सफाई, चालक का व्यवहार और ग्राहकों की शिकायतों पर कंपनियां क्या कदम उठाती हैं, इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी.
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