लुधियाना: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने गुरुवार को राज्य को नशों की बीमारी से मुकम्मल तौर पर मुक्त करने के लिए समूह पंजाबियों को पंजाब विरोधी ताकतों की सहायता प्राप्त नशा-आतंकवाद को मुँह तोड़ जवाब देने का संकल्प लेने का न्योता दिया।
शहीद करतार सिंह सराभा के शहादत दिवस के मौके पर उनकी याद में आज पंजाब पुलिस द्वारा करवाई गई विशाल नशा विरोधी साइकिल रैली को झंडी दिखा कर रवाना करने से पहले अपने संबोधन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब पर शुरू से ही लुटेरे हमला करते रहे हैं, परन्तु पंजाबियों ने हमेशा ही इन हमलों का बहादुरी से मुकाबला किया है। उन्होंने कहा कि पंजाबियों को अब नशा-आतंकवाद के खि़लाफ़ जंग लडऩी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में नशे फैलाने के लिए पंजाब विरोधी ताकतें फंड दे रही हैं, जो राज्य को पटरी से उतारना चाहते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब पंजाब नशों से मुक्त होगा जिसके लिए हरेक पंजाबी को प्रण लेना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की दुश्मन ताकतें नशेडिय़ों के तौर पर पंजाबियों को झूठा प्रचार करने के लिए तत्पर हैं, जिससे देश के सामने राज्य की गलत तस्वीर पेश की जा सके। उन्होंने कहा कि सदियों से पंजाब देश की खडग़भुजा रहा है और इसको देश का अन्न देने वाला राज्य कहा जाता है, परन्तु पंजाबियों के इस महान योगदान को दरकिनार करके कुछ राजनीतिक पार्टियाँ सच्चे सपूतों को नशेड़ी आरोप लगा कर घटिया प्रोपगंडा कर रही हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब पंजाब ने नशों के खि़लाफ़ आर-पार की लड़ाई शुरु कर दी है, जिसकी शुरुआत पवित्र शहर अमृतसर में श्री हरिमन्दर साहिब से अरदास करके की गई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमें पंजाब के शहीदों की गिनती करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि पंजाब के हरेक गाँव की मिट्टी पर इन नायकों के निशान हैं।’’ उन्होंने कहा कि इस पवित्र धरती का जर्ऱा-जर्ऱा महान गुरू साहिबान, संतों- महापुरुषों, पीरों-पैगंबरों और शहीदों की चरण-छू प्राप्त है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाबियों को सख़्त मेहनत करने के जज़्बे का सौभाग्य हासिल है, जिस करके वह हरेक जगह अपना महत्व कायम कर लेते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य में खेलों को बढ़ावा देने पर बड़ा ज़ोर दिया है, जिससे नौजवानों की असीम ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहली बार राज्य सरकार द्वारा खिलाडिय़ों को खेल की तैयारी के लिए आगामी फंड दिए गए हैं, जिससे वह खेल मुकाबलों में उपलब्धियाँ हासिल कर सकें। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसी का नतीजा है कि पंजाबियों ने हाल ही में समाप्त हुई एशियन खेलों में 19 पदक जीते हैं, जोकि एशियाड की शुरुआत से अब तक जीते गए सबसे अधिक पदक हैं।