मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सभी चार राज्यों में से 3 में बंपर जीत दर्ज की है। दूसरी तरफ कांग्रेस ने तेलंगाना में जीत हासिल की। राजस्थान में 199 सीट में से बीजेपी ने 115 सीटें जीतीं। वहीं कांग्रेस को 69 सीट, वहीं मध्यप्रदेश में बीजेपी को 230 सीट में से 163 सीट मिली। वहीं, कांग्रेस को 69 सीटें मिली। छत्तीसगढ़ में बीजेपी को 90 में से 54 सीटों पर जीत हासिल हुई तो यहां भी कांग्रेस को हार का मूंह देखना पड़ा। वहीं तेलंगाना में कांग्रेस को 119 में से 64 सीट हासिल की। यहां सत्ताधारी बीआरएस को 39 सीट मिली। उन चुनावों में बीजेपी ने इन तीन राज्यों के लिए सीएम फेस नहीं बताया।अब परिणामों के बाद ये बड़ा सवाल है कि कौन सीएम बनेगा?
राजस्थान में यहां पूर्व सीएम वसुंधरा राजे साल 2003 से ही बीजेपी का चेहरा रही हैं, लेकिन इस चुनाव में बीजेपी ने किसी को चेहरा नहीं बनाया। वहीं बीजेपी ने सांसद दीया कुमारी को भी यहां चुनाव लड़वाया और सेफ सीट से चुनाव में उतारा था।वैसे दीया कुमारी को साएम पद की मजबूत दावेदार मानी जा रही है। अलवर से सांसद बालकनाथ का नाम भी चल रहा है, बीजेपी ने इन्हें भी तिजारा सीट से चुनाव लड़वाया। बालकनाथ नाथ उसी संप्रदाय से आते हैंजिस संप्रदाय से उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ आते हैं। प्रदेश अध्यक्ष सी. पी. जोशी से लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन मेघवाल से लेकर किरोणी लाल मीणा तक के नाम चर्चा में हैं।
मध्यप्रदेश की बात यहां बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की है। पर यहां भी बीजेपी ने चुनाव पीएम मोदी के नाम पर लड़ा। ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि जब शिवराज के नाम पर चुनाव नहीं लड़ा गया था तो क्या बीजेपी उन्हें मुख्यमंत्री बनाएगी? अगर बीजेपी ने असम का मॉडल फॉलो किया तो यह शिवराज सिंह चौहान के लिए झटका साबित होगा। सीएम बनने के लिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी चल रहा है। हालांकि, उनका पुराना कांग्रेसी होना आड़े आ सकता है क्योंकि पार्टी के अंदर गुटबाजी बढ़ सकती है और बीजेपी नहीं चाहेगी कि लोकसभा चुनाव से पहले कुछ खलबली मचे। इस दौड़ में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की दावेदारी भी मजबूत मानी जा रही है। चर्चा में कैलाश विजयवर्गीय से लेकर प्रदेश अध्यक्ष वी. डी. शर्मा का नाम भी है। ओबीसी नेता के तौर पर प्रह्लाद पटेल से लेकर आदिवासी नेता फग्गन सिंह कुलस्ते का नाम भी लिया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी ने पीएम नरेन्द्र मोदी के नाम पर ही चुनाव लड़ा और जीत का क्रेडिट भी मोदी को ही जाता है। यहां रमन सिंह 2003 से लेकर 2018 तक बीजेपी के सीएम रहे और इस बार भी चुनाव जीते हैं। हालांकि, बीजेपी फिर से उन्हें मौका देगी या नहीं यह कुछ कहा नहीं जा सकता। सीएम पद के लिए प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का नाम भी आगे बताया जा रहा है। केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह के नाम की भी चर्चा चल रही है।आदिवासी नेता लता उसेंडी का नाम भी दौड़ में बताया जा रहा है।