फुटपाथ पर मछली और मुर्गा बेचना तहबाजारी नहीं, MCD ने कहा- ऐसा करने वाले 'आदतन अपराधी', शेख सराए में भी उठी मांग



 दिल्ली : MCD ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में पेश अपनी रिपोर्ट में फुटपाथ पर मांस-मच्छी और मुर्गा बेचने वालों को 'आदतन अपराधी' बताया. शकूरपुर जेजे कॉलोनी के फुटपाथ पर निगम ने कहा है कि, ऐसे कारोबार को तहबाजारी में नहीं गिना जाता और न ही इसमें स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट के तहत आजीविका संरक्षण की मांग करने का अधिकार है. वेटनरी सर्विसेज डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर ने एनजीटी के 23 नवंबर, 2023 के आदेश के अनुपालन में दायर एक्शन टेकन रिपोर्ट (एटीआर) में ये बात कही है. एटीआर के मुताबिक, खुले में मुर्गा-मछली बेचना स्ट्रीट वेंडर्स (प्रोटेक्शन ऑफ लाइवलीहुड एंड रेगुलेशन ऑफ स्ट्रीट वेंडिंग एक्ट-2014) के दायरे में नहीं आता. मांस, मछली और मुर्गा बेचने के लिए अलग नीति है और उसके विरुद्ध की जाने वाली बिक्री डीएमसी एक्ट के सेक्शन 415 का उल्लंघन है.


फुटपाथ पर मुर्गा-मछली की बिक्री तहबाजारी में नहीं गिनी जाती


दावा किया कि खुले आसमान के नीचे फुटपाथ पर मुर्गा-मछली की बिक्री तहबाजारी में नहीं गिनी जाती. ऐसा करने वाले स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट में लाभ नहीं ले सकते. वरिष्ठ अधिकारी ने साफ किया कि मांस-मछली और मुर्गा बेचने के लिए आवेदक को मीट शॉप लाइसेंस पॉलिसी के तहत लाइसेंस लेना होता है. एमसीडी ने कहा कि उसके वेटनरी सर्विसेज डिपार्टमेंट के तहत मीट शॉप का लाइसेंस देने और उसके रिन्यूअल के लिए जो नियम बने हैं, उनमें खुले आसमान के नीचे मीट बेचने के लिए लाइसेंस देने का कोई प्रावधान नहीं है. बल्कि ऐसे करने पर जुर्माना देना होता है. सामान भी जब्त हो सकता है. इसीलिए एमसीडी शकूरपुर, जेजे कॉलोनी में विवादित जगह पर अनधिकृत तरीके से मीट बेचने वालों को लाइसेंस नहीं दे सकती.


MCD ने NGT को ब्यौरा दिया


निगम ने इलाके में अतिक्रमण के खिलाफ की गई संयुक्त कार्रवाई का ब्यौरा भी रखा. ऐसी दो दुकानों को बंद करने और रेलवे लाइन को अतिक्रमण से मुक्त कराने का दावा किया. अतिक्रमण करने वालों पर लगाए गए जुर्माने की जानकारी देते हुए एमसीडी ने ट्रिब्यूनल से यह भी कहा कि संबंधित जगह पर अवैध रूप से मीट बेचने वाले 'आदतन अपराधी' हैं. इसीलिए स्थानीय पुलिस और रेलवे से मदद मांगी गई है. 


एंटी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल फोर्स ने दी है याचिका


एनजीटी ने एंटी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल फोर्स की याचिका पर डीपीसीसी, एमसीडी और डीआरएम, दिल्ली डिवीजन से जवाब मांगा था. संगठन ने शकूरपुर जेजे कॉलोनी के फुटपाथों पर अवैध रूप से मीट की बिक्री चलने और इससे इलाके में प्रदूषण बढ़ने और स्थानीय लोगों की सेहत को नुकसान पहुंचने का दावा किया.


शेख सराए में भी उठी मांग


MCD की ओर से NGT में पेश की गई इस रिपोर्ट के बाद राजधानी दिल्ली में सड़क या फुटपाथ पर मास, मछली की दुकानें लगाने वालों में हड़कंप मच गया है. दक्षिण दिल्ली के शेख़ सराए फ़ेज़ वन में भी कुछ महीनों से फुटपाथ पर मास मछली की ओपन दुकानें खोल दी गई हैं जो लगातार बढ़ती जा रही हैं. स्थानीय लोग कई बार इस फुटपाथ को ख़ाली कराने को लेकर एमसीडी में शिकायत कर चुके हैं. इसके अलावा जगदंबा कैंप के बाहर CGHS डिस्पेंसरी के आगे फुटपाथ और सड़क पर मास-मछली की दुकानें खुली हुई हैं जिससे लोगों को आवाजाही में परेशानी होती है. स्थानीय RWA ने निगम से मांग की है कि इन फुटपाथों को तुरंत अतिक्रमण मुक्त कराया जाए.


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