चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने सफाई और स्वच्छता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेशभर में 1 जनवरी से 31 जनवरी, 2025 तक चलने वाले विशेष स्वच्छता अभियान के प्रभावी कार्यान्वयन का आह्वान किया है। वहीं संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि केंद्र सरकार की योजनाओं की गहन समीक्षा की जाए ताकि विकास और कल्याण के लिए धनराशि का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। मुख्य सचिव सोमवार को यहां प्रशासनिक सचिवों के साथ विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। बैठक के दौरान, डॉ. जोशी ने स्वच्छता पहलों की समीक्षा की तथा कार्यालय की दक्षता बढ़ाने और रिकॉर्ड के समुचित रखरखाव में स्वच्छता अभियान के महत्व को रेखांकित किया।
मुख्य सचिव ने कहा कि यह अभियान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण पहल है और यह स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता विजन के अनुरूप है। सरकारी विभागों के कामकाज को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से मुख्य सचिव ने ई-ऑफिस का उपयोग बढ़ाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने संचार को सुव्यवस्थित करने, विलम्ब को कम करने और समग्र उत्पादकता को बढ़ाने के लिए सरकारी विभागों के कामकाज को सुव्यवस्थित करने और इसमें तेजी लाने के लिए प्रशासनिक सचिवों को प्राथमिकता आधार पर रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण करने के भी निर्देश दिए।
डाॅ. विवेक जोशी ने जन शिकायत निवारण को और अधिक कारगर बनाने के लिए, संबंधित अधिकारियों को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के दिशा-निर्देशों के तहत विकसित समाधान पोर्टल के कुशल कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए। उन्होंने उच्च न्यायालय में लंबित मामलों में जवाब दाखिल करने में तेजी लाने और यह सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए कि सभी लंबित निर्णयों को बिना किसी देरी के लागू किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश की सड़कों को गड्ढा-मुक्त बनाने के उद्देश्य से विकसित जीआईएस-आधारित ‘हरपथ’ एप्लीकेशन में सुधार किया जाए। अपग्रेड से उपयोगकर्ता अनुभव में सुधार होगा और सड़क से संबंधित मुद्दों को हल करने में दक्षता सुधार होगा। डॉ. जोशी ने पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान, के तहत बड़ी परियोजनाओं की नियमित निगरानी की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि ये परियोजनाएं समय पर पूरी हों ताकि प्रदेश में कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
मुख्य सचिव ने महिला एवं बाल विकास विभाग को बाल कुपोषण से निपटने पर भी ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए। डॉ. जोशी ने सुशासन के लिए राज्य की प्रतिबद्धता पर बल देते हुए अंतर-विभागीय समन्वय में सुधार के लिए प्रशासनिक सचिवों से सुझाव भी आमंत्रित किए।
कैबिनेट बैठक का एजेंडा अंग्रेजी, हिंदी दोनों में हो
मुख्य सचिव ने प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए कि कैबिनेट बैठक के एजेंडे समय पर भेजे जाएं तथा अंग्रेजी और हिंदी, दोनों भाषाओं में प्रस्तुत किए जाएं। उन्होंने पिछले कैबिनेट निर्णयों की समीक्षा की और विभागों से उनके कार्यान्वयन की प्रगति का आकलन करने का आग्रह किया। उन्होंने अनुसूचित जाति के कर्मचारियों और सतर्कता मामलों से जुड़े सेवा मामलों की भी समीक्षा की। प्रशासन के भीतर पारदर्शिता बनाए रखने के लिए उन्होंने मामलों के निष्पक्ष और समय पर समाधान के महत्व पर बल दिया।