Haryana News: चंडीगढ़ प्रशासन ने हरियाणा सरकार के नए विधानसभा भवन के निर्माण के लिए दिए गए भूमि अदला-बदली प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। प्रशासन ने यह निर्णय मास्टर प्लान-2031 में इस तरह के प्रावधान की अनुपस्थिति के चलते लिया है।
हरियाणा को खरीदनी होगी जमीन
यूटी प्रशासन ने हरियाणा को 10 एकड़ भूमि को बाजार दर पर खरीदने का विकल्प दिया है। यह जमीन रेलवे लाइट प्वाइंट के पास स्थित है और इसकी वर्तमान कीमत लगभग 640 करोड़ रुपये आंकी गई है। हरियाणा सरकार ने इसके बदले पंचकूला जिले के सकेत्री क्षेत्र में 12 एकड़ भूमि चंडीगढ़ को देने की पेशकश की थी, लेकिन प्रशासन ने इसे खारिज कर दिया।
क्यों खारिज हुआ प्रस्ताव?
चंडीगढ़ प्रशासन ने इस भूमि अदला-बदली प्रस्ताव को खारिज करने के पीछे कई कारण बताए, जिनमें योजना संबंधी बाधाएं, पहुंच की समस्याएं और प्राकृतिक जल निकासी से जुड़ी दिक्कतें शामिल हैं। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सकेत्री क्षेत्र की जमीन दो हिस्सों में बंटी हुई है, जिससे निर्माण कार्य में दिक्कतें आ सकती हैं।
चंडीगढ़ की जमीन क्यों बेहतर?
प्रशासन के अनुसार, चंडीगढ़ में प्रस्तावित 10 एकड़ भूमि एक प्रमुख स्थान पर स्थित है। यह 200 फुट चौड़ी सड़क से जुड़ी हुई है, जो सीधे मध्य मार्ग (मध्यमार्ग) से कनेक्ट होती है। वहीं, सकेत्री की जमीन शहरी नियोजन और सुगम पहुंच के लिहाज से उपयुक्त नहीं मानी गई।
हरियाणा को नई विधानसभा की जरूरत क्यों?
हरियाणा में 2026 में होने वाली परिसीमन प्रक्रिया के कारण विधानसभा सीटों की संख्या 90 से बढ़कर 126 होने की संभावना है, जबकि लोकसभा सीटें 10 से बढ़कर 14 हो सकती हैं। वर्तमान विधानसभा भवन में विस्तार की कोई गुंजाइश नहीं है, जिसके चलते एक नए भवन की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
इस फैसले के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि हरियाणा सरकार इस भूमि को बाजार मूल्य पर खरीदने के प्रस्ताव पर क्या रुख अपनाती है।
source https://www.nayaharyana.com/2025/02/no-swap-ut-to-sell-land-for-haryana-assembly-024548.html