दिल्ली में इस बेतुके नियम के चलते लाखों रुपए रिश्वत देने को मजबूर मकान मालिक, बिजली मीटर नहीं मिलते



दिल्ली : आज हम एक ऐसी खबर लाए हैं जिसका सरोकार दिल्ली के हज़ारों परिवारों से है, खबर दिल्ली सरकार के बिजली विभाग और एमसीडी से जुड़ी है, जहां MCD यानि म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ऑफ दिल्ली के नियमों की आड़ में बिजली विभाग में रिश्वतखोरी का बड़ा खेल चल रहा है। बात ये हैं कि MCD की ओर से अनधिकृत बिल्डिंग्स को बुक करने के नियम की वजह से लोग बिजली कनेक्शन नहीं ले पा रहे, इस नियम ने सालों से भ्रष्टाचार को हवा दी हुई है। बताया जा रहा है कि दिल्ली के गाँवों और अनधिकृत कॉलोनियों में चार मंजिला मकानों में चार बिजली मीटर लगवाने के लिए लोगों को चार-चार लाख रुपये तक की कथित रिश्वत देनी पड़ रही है। बड़े बड़े बिल्डर्स इस रिश्वत की रक़म को अदा कर बिजली के मीटर लगवा लेते हैं…लेकिन जो आम आदमी है वो इन बिजली कंपनियों और एमसीडी के अधिकारियों के चक्कर काटने पर मजबूर है…दिल्ली की नई सरकार से भी उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है…क्या है पूरा मामला आइए समझते हैं..

"दिल्ली में अनधिकृत निर्माण को रोकने के लिए MCD का एक सख्त नियम है—अगर कोई बिल्डिंग बिना स्वीकृत नक्शे के बनाई जाती है, तो उसे बुक कर लिया जाता है और बिजली वितरण कंपनियों (DISCOMs) को निर्देश दिए जाते हैं कि ऐसी बिल्डिंग्स को बिजली कनेक्शन न दिया जाए। लेकिन इस नियम का एक काला पहलू अब सामने आ रहा है। दिल्ली के कई इलाकों में ज्यादातर गांवों और कॉलोनियों में चार मंजिला मकान हैं, काग़ज़ों ये कॉलोनियाँ रेगुलराइज कर दी गई हैं लेकिन आज भी इन कॉलोनियों में एमसीडी नए निर्माण पर तोड़फोड़ की कार्रवाई कर बिल्डिंग बुक कर लेती है….MCD की बुकिंग की वजह से बिजली कनेक्शन नहीं मिल पाते, और लोग सालों से रिश्वत देकर ये सुविधा हासिल करने को मजबूर हैं.


नाम न बताने की शर्त पर खिड़की गाँव के एक निवासी ने बताया कि गाँव में मेरा पुराना मकान जर्जर हालत में था, मैंने उसकी मरम्मत करवाई तो किसी ने MCD में अवैध निर्माण की शिकायत कर दी, MCD ने हमारी बिल्डिंग को अनधिकृत बताकर बुक कर दिया। बुक होने की वजह से अधचिनी बिजली विभाग ने मुझे मेरे एड्रेस पर मीटर देने से इनकार कर दिया. मेरे चार मंजिला मकान में हर मंजिल के लिए एक मीटर चाहिए था। BSES के एक अधिकारी ने हर मीटर के लिए एक लाख रुपये माँगे। चार मीटर के लिए मुझे चार लाख रुपये की रिश्वत देनी पड़ी, तब जाकर कनेक्शन मिले।

पंचशील विहार कॉलोनी के एक अन्य निवासी ने बताया कि 'हमारी कॉलोनी में ये आम बात है। MCD और बिजली कंपनी के लोग मिलकर रिश्वत माँगते हैं। विधायकों और पार्षदों को इस सारे खेल के बारे में जानकारी है, लेकिन कोई कुछ नहीं करता, हमारे पास रिश्वत देने के अलावा और कोई चारा नहीं है, क्योंकि बिजली के बिना जीना मुश्किल है।

यह खुलासा दिल्ली के कई इलाकों, जैसे मालवीय नगर, छत्तरपुर, ओखला, नरेला, और श्रीनिवासपुरी समेत दिल्ली के अलग अलग गाँवों और अनधिकृत कॉलोनियों में चल रहे भ्रष्टाचार की कड़वी सच्चाई को सामने लाता है। चार मंजिला मकानों में चार मीटर लगवाने के लिए चार लाख रुपये तक की रिश्वत देनी पड़ रही है। यह राशि इलाके, बिल्डिंग के आकार, और अधिकारियों की माँग पर निर्भर करती है। MCD का कहना है कि अनधिकृत निर्माण को रोकने के लिए यह नियम ज़रूरी है, लेकिन इसकी आड़ में रिश्वतखोरी का खेल फल-फूल रहा है।"

दिल्ली सरकार ने पिछले साल अक्टूबर 2024 में 1,731 अनधिकृत कॉलोनियों में बिजली कनेक्शन के लिए DDA से NOC की अनिवार्यता को हटा दिया था, लेकिन MCD द्वारा बुक की गई बिल्डिंग्स पर यह नियम लागू नहीं होता। हाल ही में DERC यानि दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन  ने 17.5 मीटर तक की ऊँचाई वाली बिल्डिंग्स के लिए बिजली कनेक्शन से जुड़े मुद्दों को हल करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे, लेकिन MCD की बुकिंग की स्थिति में यह लागू नहीं होता। ऐसे में लोग रिश्वत देकर ही अपनी समस्या का हल निकालने को मजबूर हैं।"

यह सवाल उठता है कि क्या MCD और बिजली कंपनियों के इस रवैये से आम लोगों को सजा दी जा रही है? बिजली एक मूलभूत ज़रूरत है, और इसे रिश्वत का ज़रिया बनाना न सिर्फ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है, बल्कि लोगों के अधिकारों का भी हनन करता है। दिल्ली के जल मंत्री परवेश वर्मा ने हाल ही में पानी के कनेक्शन की लागत कम करने की स्कीम का जिक्र किया था, लेकिन बिजली कनेक्शन की इस समस्या पर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।"

दिल्ली में MCD के नियमों की आड़ में चल रही रिश्वतखोरी की यह कहानी न सिर्फ चौंकाने वाली है, बल्कि हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या सिस्टम आम लोगों के लिए काम कर रहा है या उनके खिलाफ? चार मंजिला मकानों में चार लाख तक की रिश्वत देना क्या जायज़ है? लोगों ने अब दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से इस मामले पर उचित कदम उठाने की अपील की है.

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