नैंसी पेलोसी के दौरे के बाद चीन और ताइवान में तनातनी युद्धस्तर पर पहुंच चुकी है। हालांकी चीन के लिए युद्ध आसान नहीं होगा…काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन्स के मुताबिक़ सैन्य हथियारों की दृष्टि से ताइवान अमेरिका के लिए बड़ा बाजार है। अमेरिका ने बीते 16 वर्षों में ताइवान को पांच हजार करोड़ डॉलर से अधिक के हथियार मुहैया कराएं हैं। ऐसे में ये स्पष्ट है कि ताइवान चीन से युद्ध लड़ने के लिए पूरी तरह अमेरिकी हथियारों पर निर्भर है। ताइवान खुद को मजबूत बनाने के लिए कई आधुनिक मिसाइलों पर काम कर रहा है जिनका निर्माण 2024-25 तक पूरा होने की संभावना है। निर्माणाधीन हसुइंग फेंग आईआईई क्रूज मिसाइल की क्षमता एक हजार से 1200 किलोमीटर तक है जो चीन के तटीय क्षेत्रों तक आसानी से हमला कर सकती है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार अब तक 100 से अधिक हसुइंग मिसाइल का निर्माण पूरा हो चुका है। जल्द ही ये आंकड़ा 250 के करीब हो जाएगा।
चीन के मिसाइलें दागने के बाद आया ताइवान का रिएक्शन
प्रमोद रिसालिया
प्रमोद रिसालिया एक अनुभवी राजनीतिक पत्रकार हैं, जो 'भारत खबर' वेब पोर्टल से जुड़े हुए हैं। उन्हें जमीनी राजनीति की बारीक समझ और तेज विश्लेषण के लिए जाना जाता है। प्रमोद लगातार राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीति से जुड़े मुद्दों पर रिपोर्टिंग और विश्लेषण करते हैं। उनकी लेखनी में तथ्यों की सटीकता और जन सरोकारों की गहराई साफ झलकती है। राजनीतिक घटनाक्रमों की रिपोर्टिंग के साथ-साथ वे चुनावी विश्लेषण और सत्ता के समीकरणों पर भी पैनी नजर रखते हैं।
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