New Expressway: हरियाणा के परिवहन तंत्र में जल्द ही एक ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिलेगा। केंद्र सरकार ने राज्य में तीन नए राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highways) के निर्माण को मंजूरी दे दी है, जो भारतमाला परियोजना के तहत बनाए जाएंगे। इन हाईवे के बनने से न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि इनके मार्ग में आने वाले इलाकों में जमीनों की कीमतों में भारी उछाल की भी उम्मीद है।
कौन से हैं ये तीन नए हाईवे?
पानीपत से डबवाली हाईवे: यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच एक सीधा और मजबूत कनेक्शन स्थापित करेगा। इससे बीकानेर से मेरठ के बीच की दूरी भी कम होगी, जिससे व्यापार और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को भारी लाभ होगा।
हिसार से रेवाड़ी हाईवे: यह हाईवे राज्य के दो प्रमुख शहरों को सीधे जोड़ेगा, जिससे आवागमन में तेजी आएगी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
अंबाला से दिल्ली ग्रीनफील्ड हाईवे: यह सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना है। यमुना नदी के किनारे बनने वाला यह ग्रीनफील्ड राजमार्ग दिल्ली और चंडीगढ़ के बीच की दूरी को 2 से 2.5 घंटे तक कम कर सकता है। यह हाईवे पंचकूला से यमुनानगर तक बन रहे एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा, जिससे पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी।
क्यों बढ़ेंगी जमीनों की कीमतें?
इन तीनों हाईवे परियोजनाओं के मंजूर होने के साथ ही, इनके प्रस्तावित मार्गों से सटे ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में जमीनों की मांग एकदम से बढ़ने की उम्मीद है। जब भी नया इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित होता है, तो आसपास की जमीनों का मूल्य तेजी से बढ़ता है। इन हाईवे के कारण:
औद्योगिक कॉरिडोर विकसित होंगे।
लॉजिस्टिक्स हब बनेंगे।
आवासीय परियोजनाओं का विस्तार होगा।
व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
इन सभी कारणों से संबंधित क्षेत्रों में जमीनों के दाम आसमान छू सकते हैं।
आगे की राह
इन परियोजनाओं को मंजूरी मिलने के बाद अगला कदम राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR)तैयार करना है। DPR पूरी होने के बाद ही टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी और निर्माण कार्य का शुभारंभ होगा। यह नए हाईवे हरियाणा को एक नए युग में ले जाने की क्षमता रखते हैं।



