हरियाणा भारत के सबसे गतिशील और समृद्ध राज्यों में से एक है, जो कृषि, औद्योगिकीकरण, खेल और आर्थिक विकास में अपनी उल्लेखनीय भूमिका के लिए प्रसिद्ध है। राज्य ने अपनी स्थापना के बाद से ही एक महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्र के रूप में विकसित होकर राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
हरियाणा के प्रमुख क्षेत्रों में योगदान और विकास
कृषि में उत्कृष्टता
हरियाणा भारत का कृषि केंद्र है और यह राष्ट्रीय खाद्यान्न भंडार में विशेष भूमिका निभाता है। राज्य का क्षेत्रफल देश के कुल क्षेत्रफल का मात्र 1.34% है, फिर भी यह देश के केंद्रीय खाद्यान्न भंडार में दूसरा सबसे बड़ा योगदान देता है। राज्य में 65% से अधिक जनसंख्या कृषि पर निर्भर है, और कृषि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में 26.4% का योगदान करती है।
हरियाणा की मुख्य फसलें गेहूं, चावल, ज्वार, बाजरा, मक्का, जौ, गन्ना, कपास, दलहन, तिलहन और आलू हैं। खरीफ मौसम में धान, गन्ना और कपास प्रमुख फसलें हैं। राज्य में सिंचाई के लिए भाखड़ा नहर प्रणाली और अन्य जल संरचनाओं का विस्तृत नेटवर्क है, जो कृषि उत्पादन को स्थिर रखता है। राज्य सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए 750 से अधिक किसान उत्पादक संगठन गठित किए हैं, जो उन्हें सामूहिक रूप से कार्य करने और अपनी उपज बेचने में मदद करते हैं।
ऑटोमोबाइल विनिर्माण का हब
हरियाणा भारत का प्रमुख ऑटोमोबाइल विनिर्माण हब बन चुका है और देश में बनने वाली लगभग 50% कारों का उत्पादन यहीं होता है। सोनीपत के खरखौदा औद्योगिक क्षेत्र (IMT) में मारुति सुजुकी के विशाल प्लांट स्थित हैं, जो दक्षिण एशिया में सबसे बड़े ऑटोमोबाइल उत्पादन केंद्रों में से एक है। इसके अलावा, हरियाणा में दोपहिया वाहनों, विद्युत वाहनों और सभी प्रकार की मोटर गाड़ियों का उत्पादन होता है। इस क्षेत्र में कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) एक्सप्रेसवे जैसी महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाएं औद्योगिक विकास को और तेज करने के लिए काम कर रही हैं।
राज्य सरकार नई औद्योगिक प्रौद्योगिकियों को अपनाने और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए लगातार काम कर रही है। कारोबारी सुगमता बढ़ाने के लिए हरियाणा ने 9 प्रमुख सुधार लागू किए हैं, जिनमें भूमि उपयोग परिवर्तन प्रक्रिया को सरल बनाना, मिश्रित उपयोग विकास की अनुमति देना और प्रदूषण नियंत्रण प्रक्रियाओं को तेज करना शामिल है।
हरियाणा की अर्थव्यवस्था में प्रमुख क्षेत्रों का योगदान
खेलों में अग्रणी भूमिका
हरियाणा भारत का खेल केंद्र है, जहां के खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करते हैं। पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के 6 पदकों में से 4 हरियाणा के खिलाड़ियों के नाम थे, और भारत को मिले 7 स्वर्ण पदकों में से अकेले 5 स्वर्ण पदक हरियाणा के खिलाड़ियों के खाते में गए। राज्य के 24 खिलाड़ियों ने पेरिस ओलंपिक में भाग लिया, जो भारत के कुल 117 खिलाड़ियों में से लगभग 20% थे।
राष्ट्रीय खेलों में हरियाणा ने 38 स्वर्ण पदकों सहित कुल 115 पदक जीते हैं, जिनमें 37 स्वर्ण पदक ओलंपिक खेलों से प्राप्त हुए हैं। कुश्ती, तीरंदाजी, बॉक्सिंग और नेट बॉल जैसे खेलों में हरियाणा का वर्चस्व विशेष रूप से दिखाई देता है। राज्य सरकार की खेल नीति खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करती है और ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने पर 15-15 लाख रुपये का पुरस्कार देती है। खेल अभिजीवका सेवा नियम 2021 के तहत योग्य खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रदान किया जाता है।
औद्योगिक विकास और निवेश
हरियाणा उत्तर भारत का प्रमुख औद्योगिक राज्य है, जहां बड़ी संख्या में एमएसएमई (लघु एवं मध्यम उद्योग) और बहुराष्ट्रीय कंपनियां कार्यरत हैं। हरियाणा राज्य औद्योगिक और अवसंरचना विकास निगम (HSIIDC) ने 1967 से ही औद्योगिक बुनियादी ढांचे के विकास में मुख्य भूमिका निभाई है। राज्य में विभिन्न औद्योगिक क्षेत्र, औद्योगिक मॉडल टाउनशिप (IMT) और उद्यान स्थापित हैं, जहां दक्षिण एशिया में सबसे आधुनिक उत्पादन सुविधाएं हैं।
औद्योगिक उत्पादन में सामान्य सूचकांक 2013-14 में 184.0 से 2014-15 में 194.8 तक बढ़ा। सरकार अगले पांच वर्षों में 10 नए औद्योगिक शहर विकसित करने की योजना बना रही है, जिससे 5 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। रोहतक में विद्युत वाहन पार्क, पंचकुला और फरीदाबाद में आईटी पार्क, और हिसार में औद्योगिक क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं।
डेयरी और कृषि उत्पाद
हरियाणा दूध और डेयरी उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है, जिसे अक्सर “दूध दही का खाना, यो मेरा हरियाणा” कहावत से जाना जाता है। राज्य में बड़े पैमाने पर दुग्ध पशुपालन होता है और उच्च गुणवत्ता के दूध का उत्पादन किया जाता है। इसके अलावा, हरियाणा में सोयाबीन उत्पादन भी काफी महत्वपूर्ण है, और राज्य को सोयाबीन की उन्नत किस्मों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
आर्थिक विकास और समृद्धि
हरियाणा की अर्थव्यवस्था तेजी से विकसित हो रही है। 2014-15 में हरियाणा की जीडीपी 4,37,145 करोड़ रुपये थी, जो 2024-25 में बढ़कर अनुमानित 12,13,951 करोड़ रुपये हो गई है। गुरुग्राम देश का दूसरा सबसे अमीर जिला है, जहां प्रति व्यक्ति आय लगभग 9.05 लाख रुपये है, जो भारत की औसत से कहीं अधिक है। राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय 1,85,854 रुपये है, जबकि हरियाणा की प्रति व्यक्ति आय इससे दोगुनी है।
ऐतिहासिक और पर्यटन महत्व
हरियाणा का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी बहुत अधिक है। राज्य में कई ऐतिहासिक स्मारक हैं जिनमें गुजरी महल (हिसार), मटिया किला (पलवल), बीरबल का छत्ता (नारनौल), कोस मीनार (करनाल) और जल महल (नारनौल) शामिल हैं। कुरुक्षेत्र महाभारत के युद्ध स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। पर्यटन स्थलों में मोरनी हिल्स, तिल्यार झील, भिण्डावास वन्य जीव अभयारण्य और विभिन्न धार्मिक स्थल शामिल हैं।
आईटी और कौशल विकास
गुरुग्राम हरियाणा का प्रमुख आईटी हब है और देश के अग्रणी टेक शहरों में से एक है। पंचकुला में 2008 में स्थापित आईटी पार्क 74 एकड़ क्षेत्र में फैला है और 40,000 लोगों को रोजगार प्रदान करता है। हरियाणा सरकार आईटी सक्षम युवा योजना 2024 के तहत 60,000 युवाओं को निःशुल्क आईटी प्रशिक्षण प्रदान कर रही है, जिससे राज्य को एक प्रमुख आईटी शक्ति के रूप में स्थापित किया जा सके।
हरियाणा का विकास एक प्रेरणादायक कहानी है जो कृषि से लेकर आधुनिक उद्योग तक विस्तृत है। राज्य ने अपने कुशल प्रबंधन, सुचारु बुनियादी ढांचे, और मानव संसाधनों के विकास के माध्यम से भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। खेलों में हरियाणा की सर्वश्रेष्ठ नीति, कृषि में आत्मनिर्भरता, ऑटोमोबाइल और औद्योगिक क्षेत्र में नेतृत्व, और आईटी सेवाओं में विकास हरियाणा को भारत के सबसे गतिशील राज्यों में से एक बनाता है। राज्य की सरकार निरंतर विकास परियोजनाओं पर कार्य कर रही है, जिसका लक्ष्य प्रदेश को विकसित भारत-2047 में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार करना है।




