नई दिल्ली: भारत के पास एक ऐसा ड्रोन है, जिसका उपयोग कई तरह से किया जा सकता है. फिलहाल इसे विकसित किया जा रहा है. लेकिन अगले 2-3 सालों में इसे भारतीय मिलिट्री में शामिल किया जा सकता है. इसका नाम है कॉम्बैट एयर टीमिंग सिस्टम. इसे बनाया है हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड HAL और DRDO के साथ दो और संस्थाओं ने मिलकर. इनका उपयोग आमतौर पर भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना करेंगे.
एयरो इंडिया: HAL की ओर से तैयार किया जा रहा कॉम्बैट एयर टीमिंग सिस्टम
प्रमोद रिसालिया
प्रमोद रिसालिया एक अनुभवी राजनीतिक पत्रकार हैं, जो 'भारत खबर' वेब पोर्टल से जुड़े हुए हैं। उन्हें जमीनी राजनीति की बारीक समझ और तेज विश्लेषण के लिए जाना जाता है। प्रमोद लगातार राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीति से जुड़े मुद्दों पर रिपोर्टिंग और विश्लेषण करते हैं। उनकी लेखनी में तथ्यों की सटीकता और जन सरोकारों की गहराई साफ झलकती है। राजनीतिक घटनाक्रमों की रिपोर्टिंग के साथ-साथ वे चुनावी विश्लेषण और सत्ता के समीकरणों पर भी पैनी नजर रखते हैं।
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