RSS March In Yadgir Karnataka, (द भारत ख़बर), बेंगलुरु: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) के विरोध के बावजूद राष्ट्रीय स्वयंसेक संघ (आरएसएस) को उनके गृह नगर में पथ संचलन निकालने की इजाजत मिल गई है। आरएसएस की कर्नाटक के यादगीर जिले के गुरमितकल में एक नवंबर को पंथ संचलन निकालने की तैयारी है और गुरमितकल खरगे का गृह क्षेत्र माना जाता है।
हाई कोर्ट ने सिद्दारमैया सरकार को दिया था झटका
यादगीर जिला प्रशासन (Yadgir district Administration) ने आदेश जारी कर आरएसएस के मार्च के लिए सशर्त अपनी स्वीकृति दी है। बता दें कि आरएसएस, संगठन की शताब्दी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में पथ संचलन का आयोजन कर रहा है। प्रशासन ने 10 सख्त शर्तें रखते हुए मार्च की मंजूरी दी है। गौरतलब है कि इसी सप्ताह मंगलवार को कर्नाटक हाई कोर्ट ने राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस की सिद्दारमैया सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें उसने राज्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रमों पर रोक लगाने की बात कही थी।
जिला प्रशासन ने जुलूस के लिए ये लगाई हैं शर्तें
इन शर्तों में मार्च में शामिल कार्यकतार्ओं को ऐसी कोई नारेबाजी नहीं करनी होगी जिससे किसी धर्म अथवा जाति की भावना को ठेस पहुंचे। इसके अलावा आरएसएस स्वयंसेवकों को जो मार्ग तय किया गया है उसी गुजरना होगा। साम्प्रदायिक सौहार्द व शांति भंग करने वाली हर गतिविधि पर रोक रहेगी। जुलूस के दौरान न दुकानें बंद करवाई जाएंगी न कोई सड़क वगैरह रोकेगा। किसी स्वयंसेवक को लाठी-डंडा अथवा घातक हथियार लेकर चलने की इजाजत नहीं होगी। यदि नियमों का उल्लंघन किया गया तो आयोजकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्हें नुकसान की भरपाई भी करनी होगी।
मल्लिकार्जुन के बेटे प्रियांक खरगे ने लगाए थे ये आरोप
गौरतलब है कि मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे ने हाल ही में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को एक पत्र लिखकर सहायता प्राप्त व सरकारी स्कूलों में आरएसएस की गतिविधियों को बैन करने की मांग की थी। उन्होंने आरएसएस पर सार्वजनिक जगहों व सरकारी स्कूलों में कार्यक्रम करके युवाओं व बच्चों में नकारात्मक विचार भरने का आरोप लगाया था।
यह भी पढ़ें : Karnataka News: सिद्दारमैया सरकार को झटका, कर्नाटक में संघ की गतिविधियों पर रोक लगाने के निर्देश पर हाई कोर्ट की रोक

