धारूहेड़ा: करीब 60 हजार आबादी वाले धारूहेड़ा में करीब 10 साल पहले लगभग एक करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया राजीव गांधी खेल स्टेडियम अब बदहाल हालात में पहुंच चुका है। नगरपालिका की करीब सात एकड़ भूमि पर बने इस स्टेडियम में कंटीली घास और झाड़ियां फैली हुई हैं, जिससे रोजाना अभ्यास करने वाले युवाओं को दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं।Rajiv Gandhi Stadium Dharuhera
लाखों रुपए कीमत से बनाए गए स्टेडियम की बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है। दरवाजे व खिडकी टूटी हुई है। आलम यहां तक है यहां पर पेयजल व अन्य जन सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। करीब एक दशक पूर्व खेल स्टेडियम की स्थापना इसलिए की थी ताकि युवा खेलों में अपनी प्रतिभा निखार सकें। यहां पर कोई कोच भी नहीं है ऐसे में अभ्यास करने में पेरशानी होती है। यहां धारूहेड़ा ही नहीं गुरूग्राम जिले के भी खिलाडी अभ्यास करने आते है।स्पोर्ट्स के क्षेत्र में कई खिलाड़ियों को नाम देने वाला राजीव गांधी स्टेडियम आज गुमनाम होने का कगार पर है। इस जर्जर स्टेडियम की सुध लेने वाला कोई नहीं हैRajiv Gandhi Stadium Dharuhera

स्टेडियम में खडी है झाडियां: लंबे समय से देखरेख के अभाव में स्टेडियम में काटे वाली झाड़ियां उग आई है। नियमित सफाई के अभाव में यहा पर खेलने आए खिलडियों को भय बना रहता है। दौड़ने के लिए बताया गया ट्रेक पूर्णतया टूट चुका है। ऐसे में खिलाड़ियों कच्चे मार्ग पर ही दौड लगानी पड़ती है। स्टेडियम में पिछले करीब 5 साल से कोच की व्यवस्था भी नहीं है। धारूहेड़ा शहर से करीब तीन किलोमीटर दूर स्थित स्टेडियम को जोड़ने वाली सड़क की हालत बदहाल है।
एथलिट ट्रैक बदहाल: खिलाडियों के बनाया गया एथलिट ट्रेक खराब हो चुका है। दौडते समय धूल उडती है। आस पास बडी बडी झाडियां उगी हुई है। ऐसे में खिलाडियों को भारी परेशानी झेलनी पड रही है। सबसे अहम बात यह है देख रेख व सुविधाओं के अभाव में स्टेडियम की दुर्दशा बढ़ती ही जा रही है।Rajiv Gandhi Stadium Dharuhera
जर्जर बिल्डिंग, टूटे दरबाजे व खिडकी: करीब दस साल बनाए गई बिल्डिंग की हालत बदहाल को चुकी है। इतना ही नही बिल्डिंग पर लगाए दरबाजे व खिडकियां भी टूट चुकी है। इतना ही बिल्डिंग पूर्णतया कडंम हो गई है। सुविधाओं के अभाव में धीरे धीरे इस स्टेडियम मे जाने वाले खिलाड़ियों की संख्या घटती जा रही है। साफ जाहिर है जन सुविधाए नहीं होने के चलते खिलाडियों को इस स्टेडियम से मोहभंग हो चुका है।
राजीव गांधी खेल परिसर की स्थिति दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है। खिलाड़ियों के लिए बनाया गया यह खेल परिसर अब खुद मरम्मत और रखरखाव की कमी से जूझ रहा है। यहां न तो पर्याप्त खेल सामग्री उपलब्ध है और न ही मैदान का समतलीकरण हुआ है। इस कारण खिलाड़ी अभ्यास करने में असमर्थ हैं और उन्हें प्रतियोगिताओं की तैयारी में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।Rajiv Gandhi Stadium Dharuhera
दीपक मलिक
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यह मैदान केवल Dharuhera ही नहीं बल्कि आसपास के करीब 20 गांवों के खिलाड़ियों के अभ्यास का केंद्र है। यहां से कई खिलाड़ी जिला और राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं, लेकिन अब सुविधाओं की कमी के चलते नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहन नहीं मिल पा रहा है।
कृष्ण
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प्रशासन और खेल विभाग से मांग की है कि राजीव गांधी खेल परिसर का नवीनीकरण जल्द किया जाए। उन्होंने कहा कि खेल उपकरण, रनिंग ट्रैक, शौचालय, बिजली-पानी की व्यवस्था और प्रशिक्षक की नियुक्ति की जाए ताकि ग्रामीण युवा भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखा सकें।
विकास
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खिलाड़ियों के बैठने, कपड़े बदलने या उपकरण रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। खेल परिसर की इमारत भी जर्जर हालत में पहुंच चुकी है और आसपास झाड़ियां उग आई हैं। जन सुविधाओ के अभाव में खिलाडी परेशान है। कई बार इसको लेकर मांग उठाई गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जा रही है।
संजय कुमार
