Public Holiday: सिखों के नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर सिंह जी का शहीदी दिवस (Martyrdom Day) इस वर्ष 24 नवंबर, सोमवार को पूरे देश में अत्यंत श्रद्धा, सम्मान और अनुशासन के साथ मनाया जाएगा। इस दिन को ध्यान में रखते हुए कई राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों ने सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है, जिससे आम जनजीवन पर स्पष्ट प्रभाव दिखाई देगा। तैयारियाँ ऐसी हैं मानो पूरा देश गुरुजी के अद्वितीय त्याग और बलिदान को सामूहिक रूप से याद करना चाहता हो।
स्कूलों से लेकर बैंकों तक: कहाँ-कहाँ रहेगा बंद?
शैक्षणिक संस्थान:
दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तराखंड सहित कई राज्यों में 24 नवंबर को सभी स्कूल बंद रहेंगे। चूंकि यह दिन सोमवार है, इसलिए रविवार को मिलाकर छात्रों को लगातार दो दिन की छुट्टी मिलेगी। कई शहरों में निर्धारित परीक्षाओं और महत्वपूर्ण शैक्षणिक गतिविधियों को स्थगित कर दिया गया है ताकि विद्यार्थियों और अभिभावकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
बैंकिंग सेवाएँ:
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 2025 के हॉलिडे कैलेंडर के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में 24 नवंबर को बैंक शाखाएं बंद रहेंगी। इस दौरान नकद जमा, चेक भुगतान, डिमांड ड्राफ्ट जैसी सभी शाखा-आधारित सेवाएँ प्रभावित होंगी। ग्राहकों को सलाह दी गई है कि वे अपने जरूरी बैंकिंग कार्य 22 नवंबर (शनिवार) तक पूरे कर लें। हालाँकि, एटीएम, ऑनलाइन बैंकिंग और मोबाइल ऐप की सुविधाएँ बिना किसी रुकावट के उपलब्ध रहेंगी।
सरकारी कार्यालय:
अधिकांश राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इस दिन को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। इसके तहत सभी सरकारी विभागों, मंत्रालयों, न्यायालयों और स्थानीय निकायों के कार्यालय बंद रहेंगे। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ जिलों में भी स्थानीय प्रशासन ने अवकाश की घोषणा की है। ध्यान रहे कि पुलिस, अस्पताल, परिवहन, बिजली और जल आपूर्ति जैसी आवश्यक सेवाएँ सामान्य रूप से चलती रहेंगी।
गुरुद्वारों में धार्मिक आयोजन: श्रद्धालुओं की उमड़ेगी भीड़
देश के सभी प्रमुख गुरुद्वारों में इस पावन दिन के लिए विशेष आयोजनों की तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं। दिल्ली के गुरुद्वारा शीश गंज साहिब और रकाब गंज साहिब, जहाँ गुरुजी का अंतिम संस्कार हुआ था, में विशाल नगर कीर्तन, अखंड पाठ, विशेष अरदास और सम्मिलित लंगर का आयोजन किया जाएगा। इसी तरह, अमृतसर के स्वर्ण मंदिर, आनंदपुर साहिब और पटना साहिब में भी हजारों श्रद्धालु गुरुजी के बलिदान को नमन करने और मानवता, शांति व धार्मिक स्वतंत्रता के उनके संदेश को याद करने के लिए एकत्रित होंगे।
क्यों इतना महत्वपूर्ण है यह दिन? गुरु तेग बहादुर जी का ऐतिहासिक बलिदान
गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान भारतीय इतिहास में धार्मिक स्वतंत्रता और मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए दी गई सर्वोच्च कुर्बानी के रूप में दर्ज है। सन् 1675 में मुगल बादशाह औरंगजेब द्वारा जबरन धर्म परिवर्तन के विरोध में खड़े होकर गुरुजी ने अपना शीश दंड दे दिया, लेकिन अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया। उन्होंने न केवल एक धर्म की, बल्कि सभी के धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। यही कारण है कि सैकड़ों वर्ष बाद भी उनका शहीदी दिवस पूरे राष्ट्र के लिए प्रेरणा और श्रद्धा का अनूठा प्रतीक बना हुआ है।
