पंजाब के बटाला जिले से भ्रष्टाचार के एक बड़े मामले ने तूल पकड़ा है। यहाँ नगर निगम के कमिश्नर और एसडीएम विक्रमजीत सिंह पांथे को विजिलेंस ब्यूरो ने 50,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद शनिवार को उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहाँ न्यायालय ने उन्हें तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
सरकारी आवास से बरामद हुआ 13 लाख से अधिक नकद
विजिलेंस टीम ने शुक्रवार को एसडीएम के सरकारी आवास पर छापा मारा था। इस दौरान वहाँ से साढ़े 13 लाख रुपये से अधिक की नकदी बरामद हुई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, छापे के बाद विजिलेंस अधिकारियों ने करीब तीन घंटे तक एसडीएम से पूछताछ की। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और उनके सरकारी आवास को सील कर दिया गया।
ठेकेदार की शिकायत पर हुई थी कार्रवाई
यह पूरा मामला एक ठेकेदार की शिकायत पर सामने आया है। शिकायतकर्ता अमरपाल सिंह ने विजिलेंस ब्यूरो, गुरदासपुर में आवेदन दिया था कि उन्होंने बटाला निगम में सड़कों की मरम्मत और पैच वर्क का काम किया था। इसके दो बिल, कुल 3,72,852 रुपये के, बकाया थे। शिकायत के मुताबिक, जब उन्होंने बिलों का भुगतान कराने के लिए कमिश्नर विक्रमजीत सिंह से संपर्क किया, तो उन्होंने बिल पास करने के बदले कुल रकम का 10% (37,000 रुपये) रिश्वत की मांग की और उन्हें एसडीओ रोहित उप्पल से मिलने को कहा।
लाइट एंड साउंड शो के बिल पर भी मांगी थी रिश्वत
अमरपाल सिंह ने आगे बताया कि बटाला में हुए एक लाइट एंड साउंड शो के लिए कैमरा और अन्य कार्यों का एक और बिल 1,81,543 रुपये का बकाया था। इस तरह निगम पर उनके कुल 5,54,395 रुपये बकाया थे। शिकायतकर्ता का आरोप है कि इन सभी बिलों को क्लियर कराने के बदले भी अधिकारियों ने हिस्सेदारी (कमीशन) की मांग की थी। जब वे एसडीओ रोहित उप्पल से मिले, तो उन्होंने भी कमिश्नर के आदेशों का पालन करने की बात कही। इसके बाद ठेकेदार ने विजिलेंस को सारी जानकारी दी और एक जाल बिछाया गया, जिसके परिणामस्वरूप कमिश्नर को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया।
यह मामला प्रशासनिक पदों पर बैठे अधिकारियों में व्याप्त भ्रष्टाचार की गंभीरता को एक बार फिर उजागर करता है।



